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Sunday 31 March 2019

How to invest money in gold .सोने में निवेश के तरीके

How to invest money in gold .सोने में निवेश के तरीके 

सोने के प्रति भारतीयों का प्यार छुपा नहीं है, यहां सोने में निवेश की पुरानी परम्परा चली आ रही है। सोना केवल ज्वेलरी के रूप में पहना ही नहीं जाता,  आर्थिक आपदा के समय मददगार भी साबित होता है। इसमें किया गया निवेश आर्थिक मजबूती प्रदान करता है। विवाह के अवसर पर दुल्हन के लिए  सोने के गहने  खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। 
woman with gold jewellery

सोने की खपत  - 

हमारे देश में सोने में निवेश को बहुत पसंद किया जाता है। इसके चलते विश्व में सर्वाधिक सोने की खपत करने वाले देशों की सूची में भारत टॉप two countries में शामिल है। नौकरीपेशा वर्ग हो या किसान से लेकर व्यापारी तक सुरक्षित निवेश के लिए सोने को ही चुना जाता है। 

  इसका बड़ा कारण सोने को हमेशा रिस्क फ्री निवेश माना जाता है। यह  परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी  चलता रहता है और परिवार पर कोई विपदा आने पर यही  सोना काम आता है। 

सोने को खरीदने के तरीके क्या हैं (How to invest money in gold)


1. फिजिकल तरीके से -

सोना फिजिकल तरीके से खरीदा जा सकता है. फिजिकल तरीके का आशय ज्वेलरी, सिक्कों और सोने के बिस्कुट से है। फिजिकल गोल्ड को किसी भी ज्वेलरी शॉप से खरीदा जा सकता है। 

   कुछ बड़ी ज्वेलरी कंपनियां ऑनलाइन आर्डर बुक करती हैं,  आप  उनकी  वेबसाइट पर भी  ऑर्डर कर सकते हैं।  अमेजन इंडिया जैसी e -कॉमर्स कंपनियां भी सोने के सिक्के ऑनलाइन बेचती हैं। फिजिकल गोल्ड का सबसे बड़ा फायदा ये है कि  आपको  जब भी पैसे की जरूरत पड़े उसी समय उसे बेचकर या गिरवी रखकर रकम  प्राप्त कर सकते हैं। पर इसके साथ फिजिकल गोल्ड रखने में कुछ समस्याएं भी सामने आती हैं। 

फिजिकल गोल्ड में रिस्क  - 

सोना खरीद कर  रखने में चोरी का डर होता है। ज्वेलरी के रूप में इसे रखने पर डिजाइन का पुराना हो जाना एक समस्या है। फिर इसमें बनाने का खर्च( making charge) अलग होता है, जो इसे काफी महंगा कर देता है।  सोने की ज्वेलरी पर मेकिंग चार्ज सोने की लागत का औसतन 10% होता है। इससे बचने का उपाय है गोल्ड फंड या गोल्ड  ETF में निवेश किया जाए। 

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2. गोल्ड म्यूचुअल फंडों के जरिए -

गोल्ड म्यूचुअल फंडों के जरिए भी सोने में निवेश किया जा सकता है। गोल्ड फंड वो म्यूचुअल फंड हैं जो निवेशकों का पैसा सोने में निवेश करते हैं। ये फंड निवेशकों को सोने की कीमत के आधार पर वैल्यू देते हैं। 

   ये फंड ETF  में निवेश करते हैं। इस तरह के बहुत से गोल्ड म्यूचुअल फंड हैं जो अंतरराष्ट्रीय गोल्ड माइनिंग फर्मों के शेयरों में निवेश करते हैं। ये आपके पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन की जरूरत को पूरा करता है, इसके लिए इस फंड का उपयोग कर सकते हैं। 

    अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं और ज्वेलरी के रूप में नहीं करना चाहते तो आपके लिए अच्छा विकल्प है। ये निवेश मध्यम से लंबी अवधि के लिए किया जा सकता है। 

  साथ ही अगर आप लगातार निवेश करना चाहते हैं तो भी ये एक बढ़िया विकल्प है।  आप तब  भी गोल्ड फंड में निवेश कर सकते हैं जब आप फिजिकल गोल्ड में निवेश से होने वाले जोखिम और इसे रखने के झंझट से बचना चाहते हों।

डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं -  

छोटे निवेशकों को खासतौर पर ईटीफ में ट्रेड करने में दिक्कत होती है तो उनके लिए गोल्ड सेविंग फंड बेहतर हैं। इसके पीछे एक कारण ये भी है कि उनकी ब्रोकर तक सीधी पहुंच नहीं हो पाती है। डीमैट अकाउंट की कमी भी इसकी एक बड़ी वजह है। इन सब समस्याओं को देखते हुए म्यूचुअल फंड ने गोल्ड सेविंग फंड लॉन्च किए।
gold bars

              

3. GOLD ETF के जरिये -  

ये एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) होते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं। इसके लिए डीमैट एकाउंट की जरूरत पड़ती है। ट्रेडिंग अवधि के दौरान निवेशक इन फंड को खरीद सकता है। इनकी वैल्यू शेयर के दाम की तरह  मांग और सप्लाई के आधार पर तय होने से बदलती रहती है। इन फंड की एनएवी (NAV) सोने की कीमत के साथ जु़ड़ी रहती है। इसका अर्थ है कि फंड की कीमत सोने की कीमत के आधार पर बदलती रहती है। 


गोल्ड ईटीएफ के फायदे  - 


A. खरीदने और रखने में आसान  -  

इसके जरिए निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम से आजादी मिल पाती है। गोल्ड ईटीएफ को आप घर बैठे ऑनलाइन भी खरीद सकते है, आपको गोल्ड खरीदने के लिए ज्वेलरी शॉप  में जाने की आवश्यकता नहीं है।  गोल्ड ETF आपके डीमैट एकाउंट में पड़ा रहता है इसलिए इसके गुमने या चोरी होने जैसा रिस्क इसमें नहीं होता। 

  फिजिकल गोल्ड रखने के लिए तिजोरी या बैंक लॉकर की व्यवस्था करनी होती है। पर ऑनलाइन गोल्ड रखरखाव की समस्या से मुक्ति दिलाता है।

B. कमीशन बहुत कम - 

फिजिकल गोल्ड बेचने अगर सुनार के पास जाते हैं तो ज्वेलरी खरीदते समय जो  मेकिंग चार्ज लगा था वो तो कटता ही है। इसके साथ ज्वेलरी मेकिंग में लगने वाले टाँके, घिसाई से वजन में कमी से वैल्यू लॉस के अलावा सुनार का कमीशन अलग से लगता है। 

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C. कम मात्रा में खरीद सकते हैं - 

इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं गोल्ड ईटीएफ आप एक ग्राम के यूनिट में भी खरीद सकते हैं. मगर फिजिकल गोल्ड इतनी कम मात्रा में लेकर एकत्र करना असुविधाजनक हो सकता है। 

D. ट्रेडिंग की सुविधा - 

एक कारोबारी दिन के दौरान निवेशकों को बहुत अलग अलग वैल्यू मिलती हैं तो वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके जरिए निवेशकों को इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमाने के मौके मिल पाते हैं। यहां कमीशन बहुत कम लगता है इसके चलते  निवेशकों को अच्छा फायदा मिल पाता है। 

   इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते जैसे मेकिंग चार्ज आदि। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है जो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है। 

E.  SIP की सुविधा - 

यदि आप  नौकरी पेशा हैं और भारी मात्रा में एक साथ सोना नहीं खरीद सकते तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए हर माह एक निश्चित राशि लगाकर SIP के जरिये गोल्ड खरीद सकते हैं।इस प्रकार एक  ग्राम सोना भी प्रति माह खरीद सकते हैं। मासिक आय वालों के लिए सोने में निवेश का यह बेहतरीन तरीका है। 


    आशा है "How to invest money in gold .सोने में निवेश के तरीके " इस लेख के माध्यम से आप गोल्ड फंड और  गोल्ड ETF के बारे में समझ गए होंगे। इसे अपने मित्रों तक शेयर करें और अपने सुझाव एवं सवाल कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसे ही और भी उपयोगी आर्टिकल के लिए इस  वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

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