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Saturday 2 May 2020

10 Secrets of Body Language-बॉडी लैंग्वेज सुधारें और सफलता पाएं

10 Secrets of Body Language-बॉडी लैंग्वेज सुधारें और सफलता पाएं 

बॉडी लैंग्वेज (Body Language) क्या है? बॉडी लैंग्वेज (शारीरिक भाषा) वह पहली चीज है जो लोग आपके बारे में नोटिस करते हैं। इसमें शरीर की स्थिति और हाव- भाव, आदतें, आंखों के इशारे, दूसरों के साथ निकटता, स्पर्श करने का तरीका और यहां तक ​​कि श्वास के उतार चढ़ाव के साथ आपके बोलने का तरीका और टोन भी शामिल है।

   अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज सही रहेगी तो न केवल दूसरों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा बल्कि आप स्वयं भी अपने अंदर एक सुदृढ़ आत्मविश्वास अनुभव करेंगे। 

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   हममें से कुछ लोग स्वाभाविक रूप से बॉडी लैंग्वेज के प्रति लापरवाह होते हैं, जिसके कारण ऐसे लोग दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालने में पीछे रह जाते हैं। वास्तव में हम सबको इस बारे में जागरूक रहना चाहिए कि हमारी बॉडी लैंग्वेज किस प्रकार का सिग्नल दूसरों को दे रही है। 

   हमारी दोस्ती और आपसी संबंध, महत्वपूर्ण डीलिंग से लेकर नौकरी के साक्षात्कार तक इसका प्रभाव हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू पर पड़ता है। बॉडी लैंग्वेज और सफलता का आपस में घनिष्ठ रिश्ता होता है।  

   आपमें प्रतिभा कितनी ही क्यों न हो, लेकिन अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज सही नहीं है तो आप सफलता की दौड़ में पीछे रह सकते हैं।  इसलिए जब भी आप किसी से मिलें तो अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ख़ास ध्यान रखें। आइये जानते हैं कुछ युक्तियों को, जिन्हें ध्यान में रखने पर आपको बॉडी लैंग्वेज समझने और उसे ठीक करने में मदद मिल सकती है।
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बॉडी लैंग्वेज को बेहतर बनाने के 10 तरीके (10 Secrets of Body Language)

1. जागरूक रहें (Be Aware) -

बॉडी लैंग्वेज सुधार के लिए पहला कदम जागरूकता है। आप जो कुछ भी करते हैं उस पर ध्यान देना शुरू करें। हमारे कई तरीके अवचेतन हैं और हमारी बहुत सी शारीरिक प्रतिक्रिया भी अवचेतन रूप से होती है।इसी प्रकार  हम अन्य लोगों के तरीके भी अवचेतन रूप से पढ़ते हैं।  

   किसी से मिलने पर पहले दो मिनट में आपका अवचेतन मन उस व्यक्ति की बॉडी लैंग्वेज का मूल्यांकन करने और उनके व्यक्तित्व को जानने के लिए व्यस्त रहता है। इसी दौरान वह व्यक्ति भी आपकी बॉडी लैंग्वेज को पढ़ रहा होता है। 

  बॉडी लैंग्वेज पर हमारा नियंत्रण काफी सचेत भी हो सकता है। जब आप अपने एक्ट पर ध्यान देंगे तो सोचने पर विवश हो जायेंगे कि मैं ऐसा क्यों करता हूं और इसका क्या मतलब है। भले ही आप उस आदत के अभ्यस्त रहें हों।

   परन्तु अब आप उसके प्रति जागरूक हैं इसलिए अपनी हर एक्टिविटी पर आपकी नज़र होगी। इस प्रकार आपकी आदतें बदलना शुरू हो जाएँगी और बॉडी लैंग्वेज बेहतर होने लगेगी। जागरूकता सबसे आवश्यक कदम है।

2. दूसरों का अध्ययन करें (Study Others)-

अन्य लोगों की बॉडी लैंग्वेज देखें कि वे अपने आप को कैसे प्रेजेंट करते हैं।विशेष रूप से ऐसे लोग जिनकी आप प्रशंसा करते हैं और उनसे प्रभावित होते हैं। आपको देखना चाहिए कि उनसे क्या सीखा जा सकता है। 
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3. एनर्जी के साथ हाथ मिलाये -

जब भी आप किसी व्यक्ति से हाथ मिलाते है तो पूरी एनर्जी के साथ हाथ मिलाये। ढीले तरीके से हाथ मिलाना आपके कमजोर आत्मविश्वास को दर्शाता है। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि आप अपनी पूरी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए उसकी हड्डियां फ्रैक्चर कर दें। हाथ मिलाते समय आपकी हथेली न तो जमीन की तरफ हो और न आकाश की तरफ रहे। 

4. चेहरे के भाव नकारात्मक न हों -

चेहरे पर उदासी, घबराहट और अन्य नकारात्मक भाव यह संकेत देता है कि आप परेशान हैं और आप जो भी कर रहे हैं वह आपके लिए कठिन है। यह आपके मस्तिष्क को आपके रक्तप्रवाह में कोर्टिसोल भेजने का कारण बनता है, जो आपके तनाव के स्तर को और बढ़ाता है। यह स्थिति आपके लिए ठीक नहीं होती और इस तरह आप अपनी नकारात्मक छवि पेश करते हैं।

 ऐसी स्थिति में चेहरे पर एक मुस्कुराहट लाएं। तनाव घटाने में यह प्रभावी तरीके से काम करता हैं। इसके अलावा जब आप मुस्कुराते हैं, तो सामने वाले को भी अच्छा महसूस होता है। 

   हममें से अधिकतर लोग दूसरों के कार्यों की कॉपी करते हैं, इसलिए यदि आप मुस्कुराते हैं, तो वह व्यक्ति भी  मुस्कुराएगा। किसी से मिलने पर एक बड़ी मुस्कुराहट अपने चेहरे पर रखें फिर बाद में सामान्य मुस्कुराहट रख सकते हैं। 
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5. सामने वाले से तालमेल (Matching) बनाएं -

इसे मिररिंग (Mirroring) भी कहते हैं इसका अर्थ है सामने वाले में अपनी ही रिफ्लेक्सिंग देखना यानि दोनों की गतिविधियों में अनायास ही एक समानता दिखाई पड़ना। ऐसा होने पर वह आपसे प्रभावित होने लगता है। यदि आप किसी के सामने बैठे या खड़े हैं, तो उनके शरीर की स्थिति को देखें, उनके स्वर से मेल खाएँ और बातचीत की गति को आगे बढ़ाएँ।

   परन्तु उसे यह न लगे कि आप उसकी कॉपी कर रहे हैं। इसे स्वाभाविक रूप से करेंगे तो थोड़ी देर बाद आप उससे एक स्पष्ट तालमेल और संबंध बना सकते हैं।  

6. अपनी गर्दन या चेहरे को न छुएं -

यह दूसरों को संकेत है कि आप अपनी रक्षा कर रहे हैं या नर्वस हैं। किसी व्यक्ति से बात करते समय बार बार अपने हाथों से बालो को ठीक नहीं करना चाहिए। इस बात से ऐसा लगता है की आप सिर्फ अपने बारे में ही सोच रहे हैं। 
    

7. बॉडी की पोजिशनिंग का ध्यान रखें -

जब आप किसी से बात करते हैं तो आपके पैरों की दिशा उसकी तरफ होना चाहिए। यदि कोई आपसे बात कर रहा है और उसके पैरों की दिशा किसी दूसरी तरफ हो तो यह समझना चाहिए कि उसकी रूचि आपसे बातचीत में नहीं है और वह वहां से भागना चाहता है। बात करते समय अगर उसका चेहरा और आँखें कहीं दूसरी तरफ हों तो समझिये वह आपसे झूठ बोलने की कोशिश कर रहा है। 

    बात करते समय आपकी आँखें दूसरों की आंखों के स्तर के करीब होनी चाहिए। उसकी आँखों में देखें परन्तु यह न लगे कि आप उसे घूर रहे हैं। साथ ही ऊपर-नीचे या दाएं-बाएं देखने से भी बचें इस प्रकार घूरने और ध्यान न देने के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें।
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8. अपना स्पेस लें -

कुछ करीबी लोगों को छोड़कर अन्य लोगों से मिलने पर एक उचित दूरी बनाए रखें। न उनके क्षेत्र में प्रवेश करें और न ही उन्हें अपने बहुत करीब आने दें। जब आप किसी से मिलें तो आपके दोनों पैर पर्याप्त दूरी पर हों न कि आपस में चिपके हुए। आपने कपड़े चाहे जितने अच्छे पहने हों, यदि बैठते समय सिमट कर बैठेंगे तो कोई आपसे प्रभावित नहीं होगा इसलिए ओपन बॉडी लैंग्वेज रखें। 

  अपने हाथों को क्रॉस करके बाहों को पकड़ने से संकेत मिलता है कि आप अकेले रहना चाहते हैं या आप परेशान हैं। अपनी भुजाओं को खोलना दूसरों को संकेत देगा कि आप सहज स्थिति में हैं और उसमे उत्सुक हैं।

  अगर आप अपने आस-पास के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे हैं तो अपनी बाहों को क्रॉस करते हुए पकड़ने की आदत को बदलना आवश्यक है।

9. सीधे बैठें या खड़े हों -

जब आप किसी के सामने खड़े होकर मिलते हैं तो अपनी पूरी रीढ़ को सीधा करें, जिसमें आपकी गर्दन भी शामिल है। इससे आप सकारात्मक रूप से आत्मविश्वास से भरेंगे। 

    कंधों के साथ एक संतुलन कायम रखें। कंधे बहुत अधिक उठे होने से आप नर्वस दिखाई देंगे, लेकिन झुके हुए कंधे एक उदास वाइब्रेशन छोड़ते हैं। इसलिए अपने कंधे एक प्राकृतिक और आरामदायक ऊंचाई पर रखें।

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    जब आप किसी के साथ कही बैठते हैं, तो ना ही बहुत तन कर बैठे और ना ही बहुत झुक कर। ऐसा करने से आपकी असुरक्षा की भावना प्रदर्शित होती है।  बैठते समय ज्यादा पीछे झुकने से आपका अहंकार प्रकट होता है। सामने वाले की तरफ हल्का सा झुकाव यह दर्शाता है कि आप उसमें उत्सुक हैं। उचित मुद्रा का उपयोग करके आप अधिक प्रभावी लगेंगे। 

10. सामने वाले की बात ध्यान से सुनें-

यह बॉडी लैंग्वेज का एक सकारात्मक रूप है इससे सामने वाले को लगेगा कि आप बातचीत में रूचि ले रहे हैं। यह तरीका उसे अच्छा महसूस कराता है और वह आपसे प्रभावित होता है। 

  बात करते समय अपने हाथों का उचित प्रयोग करें। अपनी हथेलियों को अधिकतर फ्रंट फेसिंग रखते हुए एक रेंज में हाथों को फैलाएं।  अगर बहुत से लोगों को सम्बोधित कर रहे हों तो अपने हाथों का फैलाव थोड़ा अधिक रख सकते हैं। 

    ञब हम किसी बात से सहमत होते हैं तो सर हिला कर उसे अपनी सहमती देते हैं लेकिन ज्यादा सर हिलाना भी अच्छा नहीं होता। बेहतर होगा कि इसकी जगह बोलकर अपनी सहमति दें, जिससे उसे लगेगा कि बातचीत में आप पूरी रूचि ले रहे हैं। 

    इस प्रकार सफलता के मार्ग में आगे बढ़ने के लिए अपनी बॉडी लैंग्वेज को सही रखना आवश्यक है। बॉडी लैंग्वेज सुधारने के लिए उपरोक्त युक्तियों का उपयोग करते हुए अपनी आदत बना लें, परन्तु ध्यान रखें कि यह स्वाभाविक हो और आर्टिफीसियल न लगे।

  इन्हें प्रयोग करते हुए स्थिति के अनुसार  इनमें आवश्यक परिवर्तन कर सकते हैं। हमारा लक्ष्य यही है कि लोगों को  आप आत्मविश्वास से भरपूर और आकर्षक लगें जिससे सकारात्मक रूप से उनका ध्यान आपकी ओर आकर्षित हो। 

    आशा है ये आर्टिकल "10 Secrets of Body Language-बॉडी लैंग्वेज सुधारें और सफलता पाएं" आपको उपयोगी लगा होगा इसे अपने मित्रों एवं परिवार अन्य सदस्यों को शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।

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