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Friday 27 August 2021

How to Open a restaurant-रेस्टॉरेंट कैसे खोलें

 How to Open a restaurant-रेस्टॉरेंट कैसे खोलें 

भारत में रेस्टॉरेंट बिज़नेस सबसे तेजी से बढ़ने वाले बिज़नेस में से एक है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की रिपोर्ट के अनुसार इसके 2022-23 तक 5.99 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में रेस्टॉरेंट मालिकों के सामने आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद, निकट भविष्य में  नवोदित व्यवसाइयों के लिए रेस्टॉरेंट खोलने के अच्छे अवसर आएंगे।


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   भारत में तेजी से होता शहरीकरण, बढ़ती कामकाजी आबादी और बढ़ती आय के कारण रेस्टॉरेंट में खाने का चलन बढ़ रहा है। इसलिए इसमें अवसर तो अच्छे हैं परन्तु एक रेस्टॉरेंट खोलकर सफल होने के लिए सिर्फ बढ़िया भोजन के अलावा दूसरी बहुत सी चीज़ों की आवश्यकता होती है। 


   यहां आपको मार्केटिंग, प्रबंधन क्षमता, ग्राहक सेवा और रेस्टॉरेंट संचालन सहित सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। यदि आप अपने आप को इन स्किल्स में से किसी (या सभी) में कमी पाते हैं और फिर भी एक रेस्टॉरेंट खोलने के लिए प्रेरित महसूस करते हैं, तो आप शायद खुद से पूछ रहे हैं कि क्या यह संभव है।


   अब प्रश्न है कि क्या आप बिना अनुभव के रेस्टोरेंट खोल सकते हैं? हाँ, लेकिन इसमें अधिक कठिनाई झेलने और काम की समझ होने तक बहुत अधिक कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। आपकी सफलता जिन दो सबसे महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करेगी, वे हैं आपकी उपलब्ध प्रारंभिक पूंजी और आपके द्वारा एकत्रित टीम या आपके द्वारा नियुक्त कर्मचारियों का सामूहिक ज्ञान/कौशल।


   यदि आपके पास अनुभव नहीं है, तो आपको यह देखना होगा कि आपके पास कौन से व्यावसायिक कौशल हैं, जो रेस्टोरेंट व्यवसाय में उपयोगी हो सकते हैं। जैसे यदि आपके पास मैनेजमेंट या एकाउंटिंग का अनुभव है, तो इस मद में खर्च होने वाले आपके पैसे बचेंगे।

 

   यदि आपने मार्केटिंग या सेल्स में काम किया है, तो आप प्रचार शुल्क पर पैसे बचा सकते हैं। इस प्रकार जितने अधिक काम आप स्वयं करेंगे उतना अधिक पैसा बचाना सम्भव होगा, यह अनिवार्य रूप से आपके लाभ में वृद्धि करेगा, जिससे आपकी सफलता की संभावना बढ़ेगी।


   रेस्टॉरेंट व्यवसाय शुरू करना उद्यमियों के लिए एक अत्यधिक आकर्षक अवसर है। लेकिन इसके लिए बहुत समर्पण, लंबी कड़ी मेहनत, उचित योजना और स्टार्टअप चुनौतियों का सामना करने की दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।


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 जांचें कि रेस्टॉरेंट व्यवसाय आपके लिए है या नहीं


 रेस्टॉरेंट व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए स्थापना व्यय, परिचालन व्यय (विशेषकर किराया) और अन्य अन्य मुद्दों को सुलझाने की आवश्यकता होती है। इसके साथ शुरुवाती कुछ वर्षों तक व्यवसाय को जीवित और प्रासंगिक बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण है। 


   आपको अपने रेस्तरां की अच्छी सर्विस, कर्मचारियों पर नज़र, किसी कर्मचारी के अनुपस्थित होने पर उसकी वैकल्पिक व्यवस्था, सही खरीदारी और खाद्य सामग्री की मूल्य निर्धारण रणनीति का लगातार विश्लेषण करने की आवश्यकता है। भारत में कर्मचारियों की अनुपस्थिती से निपटना और उनको अपने संस्थान से जोड़े रखना बहुत बड़ी चुनौती है। 


   इसके अलावा आपको एकाउंटिंग में भी अच्छा होना चाहिए। अपने आप को जांचें कि यह सब करने और देर तक अपने व्यवसाय को समय देने के लिए आप तैयार हैं या नहीं। और अगर आपको उत्तर हाँ में मिलता है, तो यह व्यवसाय आपके लिए है।  


   आइए रेस्टॉरेंट व्यवसाय शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण कदमों के बारे में गहराई से जानते हैं कि वास्तव में क्या करने की आवश्यकता है जो आपके रेस्टॉरेंट को सफल होने में मदद करेगा। आप  बिना किसी अनुभव के रेस्टॉरेंट खोलना चाहते हैं तो यह मार्गदर्शिका आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेगी। 


रेस्टॉरेंट बिज़नेस कैसे शुरू करें?(How to Open a restaurant )


रेस्टॉरेंट व्यवसाय शुरू करने के लिए 12 महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार से हैं -


1. अपने रेस्टॉरेंट की अवधारणा तय करें


2. फ्रैंचाइज़ी लें या स्वयं का ब्रांड


3. रेस्टॉरेंट की लागत का मूल्यांकन करें


4. अपने रेस्टॉरेंट व्यवसाय के लिए निवेश प्राप्त करें


5. अपने रेस्टॉरेंट का स्थान तय करें


6. रेस्टॉरेंट का नाम और लोगो चुनें


7. रेस्टोरेंट व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक सभी लाइसेंस प्राप्त करें


8. अपने रेस्टॉरेंट व्यवसाय के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था करें


9. एक मेनू डिज़ाइन करें


10. अपने रेस्टॉरेंट के लिए आपूर्तिकर्ताओं की व्यवस्था करें


11. अपने रेस्टॉरेंट में सही तकनीक स्थापित करें


12.  प्रचार प्रसार करें 


1. अपने रेस्टॉरेंट की अवधारणा तय करें -



मेनू, शैली, तैयारी के तरीकों और मूल्य निर्धारण के आधार पर आप विभिन्न प्रकार के रेस्टॉरेंट खोल  सकते हैं। एक रेस्टॉरेंट व्यवसाय की किसी अवधारणा पर निर्णय लेने से पहले आपको कई बातों को ध्यान में रखना होगा, जिनमें से प्रमुख है- निवेश के लिए आपके पास पूंजी की मात्रा।


 बजट को ध्यान में रखते हुए रेस्तरां के प्रकार पर निर्णय लें। फास्ट फूड, कैफे, भोजन थाली, पंजाबी ढाबा स्टाइल या साउथ इंडियन डिश, क्विक सर्विस, फैमिली स्टाइल, बारबेक्यू, पब, टेबलटॉप कुकिंग आदि विभिन्न प्रकार हैं। आपको उस स्थान के संदर्भ में सोचना चाहिए जहां आप लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं, कि क्या उस जगह ऐसे रेस्तरां की मांग है। 

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2.  फ्रैंचाइज़ी लें या स्वयं का ब्रांड -



वर्तमान समय में बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड हैं जो फ्रैंचाइज़ी अवसर प्रदान कर रहे हैं। निश्चित रूप से अपना खुद का काम शुरू करने की तुलना में फ्रैंचाइज़ी लेकर व्यवसाय शुरू करना एक आसान विकल्प है। परन्तु खुद का ब्रांड बनाकर काम शुरू करना एक अलग ही संतुष्टि और फायदे सुनिश्चित करता है।


   यदि आप अपना खुद का ब्रांड शुरू करते हैं, तो आपको लाभ साझा करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अतिरिक्त, आपको फ्रैंचाइज़ी शुल्क के रूप में पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। परन्तु इसमें आपको स्वयं ही अपनी नीतियां और व्यवस्था बनाने की आवश्यकता होगी साथ ही आपको संपूर्ण प्रचार जिम्मेदारी का ध्यान रखना होगा।


    फ्रैंचाइज़ी आउटलेट शुरू करने में मूल कंपनी आपको एक लागत संरचना प्रदान करेगी। जबकि  अपना खुद का ब्रांड खोलने के लिए आपको एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी। पढ़ें-frenchise vs startup-फ्रेंचाइजी लें या स्वतंत्र बिज़नेस करें 


3. रेस्टॉरेंट की लागत का मूल्यांकन करें -


 
एक बार जब आप अवधारणा पर निर्णय ले लेते हैं, तो आपको अपने रेस्तरां के लिए एक व्यवसाय योजना तैयार करनी चाहिए क्योंकि इससे आपको भविष्य के विकास की योजना बनाने में मदद मिलेगी, और आप इसके आधार पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं।  सही ढंग से काम करने के लिए एक अनुभवी इंटीरियर डिजाइनर की सेवाएं लें। 


   आप अपने रेस्टोरेंट कॉन्सेप्ट और थीम व अपने बजट के आधार पर इंटीरियर्स के बारे में फैसला कर सकते हैं। मोटे तौर पर, इसमें फर्श, दीवार की सजावट, छत, एयर कंडीशनर, प्रकाश व्यवस्था, संगीत और अंत में फर्नीचर शामिल हैं। रंग संयोजन और रोशनी इंटीरियर में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 


   आपको बिजली, पानी के बिल और रखरखाव लागत के साथ जगह के किराए की गणना व कम से कम 3 से 5 महीने के लिए कार्यशील पूंजी, प्रचार खर्च आदि को जोड़ना चाहिए। इसके खर्च के साथ आपको आपको रसोई के उपकरणों की व्यवस्था करने की आवश्यकता होगी। इसमें विभिन्न क्रॉकरी सेट, बर्नर, स्टोरेज, रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव और अन्य गैजेट या बर्तन शामिल हो सकते हैं।

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   बिना तकनीक की मदद के आप रेस्टोरेंट को सफलतापूर्वक नहीं चला पाएंगे। आपको दैनिक एकाउंटिंग, स्टॉक सूची आदि रखने के लिए एक अनुकूलित पीओएस सॉफ्टवेयर सिस्टम की आवश्यकता होगी। इसकी लागत भी अपने खर्च की गणना करते समय जोड़ने की आवश्यकता है।


   आपको मार्केटिंग और प्रमोशन में खर्च करने की जरूरत होगी। इसके लिए अपनी एक मार्केटिंग योजना तैयार करने और प्रचार लागत की गणना करने की आवश्यकता होगी।


4. धन की व्यवस्था करें -



जब आपने रेस्टॉरेंट की लागत का मूल्यांकन कर लिया है तो आपको एक रेस्तरां शुरू करने का पहला कदम यह निर्धारित करना है कि क्या आपके पास एकमुश्त इतनी राशि है। यदि नहीं, तो आपको एक पार्टनर खोजने या अपने बैंक से बिज़नेस लोन के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी। 


  अगर आपको इस व्यवसाय का अनुभव नहीं है तो ऐसा पार्टनर खोजें जिसे इस कार्य का अनुभव हो या उसने किसी रेस्टॉरेंट में काम किया हो और जो रेस्टॉरेंट के प्रबंधन में सहायता कर सके।


   यदि अभी की स्थिति में एक रेस्टॉरेंट खोलने का विचार बहुत बड़ा निवेश और आपकी आर्थिक क्षमता से बाहर लगता है, तो क्यों न इसके बजाय एक नाश्ते के स्टाल से शुरुआत करने पर विचार करें। इसमें प्रारंभिक लागत काफी कम है, यह काम आप इस काम के लिए डिज़ाइन वाहन में भी कर सकते हैं।
 

   यदि आप फ़ूड सर्विस में बहुत कम या बिना अनुभव के साथ शुरुआत कर रहे हैं, तो यह अपने अनुभव को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है। अधिक जानकारी के लिए यह लेख देखें जिसका शीर्षक है -Breakfast Business-नाश्ते  बिज़नेस में 10 हजार से लाखो कमाएं। 

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5.  रेस्टॉरेंट का स्थान तय करें -



आपको अपने रेस्टॉरेंट के लिए उचित स्थान का चयन करना होगा। यह स्थान आपके रेस्टॉरेंट व्यवसाय के अनुकूल होना चाहिए, वहां आसपास का माहौल देखें। लोगों का आवागमन कितना है? वहां आने वाले लोगों की आर्थिक एवं खर्च करने की स्थिति आदि समझने का प्रयास करें। 


   रेस्टॉरेंट ऐसी जगह पर स्थित होना चाहिए जो आसानी से दिखाई देने के साथ वहां आवागमन सुलभ हो। ऊपरी मंजिल के स्थानों को आमतौर पर उपयुक्त नहीं माना जाता है क्योंकि उसकी दृश्यता कम होती है और ग्राहकों को स्थान का पता लगाना मुश्किल होता है। सड़क से लगे हुए और ग्राउंड फ्लोर के रेस्टॉरेंट में लोगों की भीड़ अधिक होती है।


  आपके लिए विचारणीय होगा कि उस स्थान का स्थान किराया कितना है? क्या यह आपके बजट के अनुरूप है? किराया आपके रेस्टॉरेंट की लागत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कवर करता है, हालांकि यह लोकेशन पर निर्भर करता है, परन्तु किराया आपके कुल राजस्व का 10% से अधिक नहीं होना चाहिए।

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 6. रेस्टॉरेंट का नाम और लोगो चुनें -



यह एक और महत्वपूर्ण पहलू है जिस पर आपको ध्यान पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। व्यवसाय पंजीकरण और लाइसेंस के समय आपको रेस्टॉरेंट का नाम और लोगो देना होगा। दरअसल, नाम और लोगो आपके ग्राहकों को पहली छाप देते हैं। रेस्टॉरेंट की बाहरी दीवार को अच्छे से सजाएं और उस पर आकर्षक तरीके से रेस्टॉरेंट का नाम और लोगो प्रदर्शित करें।


   नाम सरल, प्रासंगिक और आकर्षक रखें। इसके अतिरिक्त, सुनिश्चित करें कि रेस्टॉरेंट का नाम मार्केटिंग के योग्य है और डोमेन की उपलब्धता है। नाम फाइनल करने से पहले जांच लें कि डोमेन उपलब्ध है या नहीं। क्योंकि आपको निश्चित रूप से अपने रेस्टोरेंट के लिए एक वेबसाइट लॉन्च करने की आवश्यकता होगी।


7. आवश्यक सभी लाइसेंस प्राप्त करें -



आपको एक रेस्टोरेंट व्यवसाय चलाने के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता है। इन लाइसेंसों को प्राप्त करने की लागत आपके उद्यम के आकार एवं क्षेत्र के आधार पर भिन्न होती है। परमिट के लिए जल्दी आवेदन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उन्हें स्वीकृत होने में बहुत समय लग सकता है। नीचे एक रेस्तरां व्यवसाय खोलने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण लाइसेंसों की सूची दी गई है-


A. नगर निगम से व्यापार लाइसेंस

B. FSSAI लाइसेंस (FSSAI का मतलब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण है। रेस्टोरेंट या भोजनालय संचालन के लिए, FSSAI पंजीकरण करवाया जाता है)

C. जीएसटी पंजीकरण

D. इसके अलावा कुछ अन्य लाइसेंस भी आवश्यक हैं जैसे अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र, प्रदूषण नियंत्रण लाइसेंस इत्यादि।
 

8. कर्मचारियों की व्यवस्था करें -


रेस्टोरेंट को शेफ, वेटर, काउंटर स्टाफ, सफाई कर्मियों आदि की आवश्यकता होती है। सही लोगों को भर्ती करें। आपको अधिक से अधिक कुशल व्यक्तियों को भर्ती करना होगा, विषेशकर तब जब आप इस व्यवसाय में नए हैं। आखिरकार एक व्यवसाय उतना ही सफल होता है जितना कि उसे चलाने वाले लोग। 

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9. मेनू डिज़ाइन करें -



रेस्टोरेंट की अवधारणा, शैली और स्थानीय लोगों के स्वाद के आधार पर आपको एक मेनू और उसके रेट का निर्धारण करना होगा। बेहतर होगा कुछ बेसिक फूड आइटम के साथ डिजाइनर आइटम्स रखें, जिससे आपके रेस्टोरेंट की ख़ास पहचान बनने में सहायता मिलेगी। 


  आप एक कॉम्बो या बाहुबली थाली प्रकार का मेनू पेश कर सकते हैं जो विशेषकर फैमिली के साथ आने वाले ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाया गया हो। यह कांसेप्ट आजकल बहुत लोकप्रिय हो रहा है। उन फ़ूड आइटम्स को रखने की कोशिश करें जिन्हें पकाने के लिए समान कच्ची सामग्री की आवश्यकता होती है। यह इन्वेंट्री लागत को कम करने में मदद करता है। 


   साथ ही, उन फ़ूड आइटम्स को उपलब्ध कराए जिन्हें बनाने की कच्ची सामग्री स्थानीय बाजार में हर मौसम में आसानी से उपलब्ध होती है। किसी फ़ूड आइटम का रेट तय करने में उसकी लागत का ध्यान रखना होगा। इसमें उस आइटम को तैयार करने में उपयोग किए जाने वाले सभी कच्चे माल की लागत को जोड़ना होता है। आदर्श रूप से फ़ूड आइटम को बनाने की लागत आपके मेनू रेट का लगभग 30%-35 % होनी चाहिए। 


 10. आपूर्तिकर्ताओं की व्यवस्था करें -



आवश्यक कच्ची सामग्री की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपको कच्चे माल की सोर्सिंग के लिए विक्रेताओं की सूची बनाना चाहिए। रेस्टोरेंट के संचालन के लिए नियमित रूप से सही समय पर ताजी सामग्री प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। 


   आपको यह सुनिश्चित करना है कि आपूर्तिकर्ता जो सामग्री, रेस्तरां में उपयोग के लिए पहुचाएं, वह गुणवत्तापूर्ण और उच्च क्वालिटी की हो। इसके अलावा थोक खरीद पर ध्यान दें व समय समय पर सप्लायर के सामान की कीमत तुलनात्मक रूप से जांचते रहें।


   सामान्य रूप से आपके पास अपने स्टोर में दो दिन का स्टॉक होना चाहिए। सामान की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। आपको अपने रेस्तरां बंद करने के समय पर बची हुई क्वांटिटी की जांच करनी चाहिए। 

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11. सही तकनीक स्थापित करें -



अपने रेस्टोरेंट व्यवसाय के लिए सही पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) सॉफ्टवेयर प्राप्त करें। इस आधुनिक युग में पीओएस प्रौद्योगिकी आपके रेस्टोरेंट के संचालन को पहले की तुलना में कहीं अधिक आसान बना सकती है। 


    पीओएस की कीमत इसकी विशेषताओं और कार्यक्षमता पर निर्भर करती है, जिसे आपके रेस्टोरेंट की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चुना जाना चाहिए। इसके लिए कंपनी को डेमो प्रेजेंटेशन के लिए कहें। आप अच्छी तरह से जांच लें कि यह सॉफ़्टवेयर आपके व्यवसाय के लिए प्रभावी और फायदेमंद है या नहीं।


    पीओएस बिलिंग के अलावा, किसी भी व्यवसाय के संचालन में अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर काम आता है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से कच्चे माल की खरीद, वेतन, भुगतान और अन्य खरीद का भी हिसाब रखा जाता है। अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि यह आपके पीओएस सॉफ्टवेयर के साथ भी इंटीग्रेटेड है।


    इसके अलावा CRM सॉफ़्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर CRM सॉफ़्टवेयर का उपयोग बिज़नेस और कस्टमर के संबंध मैनेज करने के लिए किया जाता है।


12. मार्केटिंग करें - 


आदर्श रूप से आपको अपनी बिक्री का 1-2 प्रतिशत अपने रेस्तरां के विज्ञापन पर खर्च करना चाहिए। समाचार पत्रों और होर्डिंग जैसे ऑफलाइन साधनों के साथ ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी ध्यान देना चाहिए और दोनों में सही संतुलन होना चाहिए। 


   अगर आप ऊपर बताई गई बातों को लागू करने के साथ अच्छी ग्राहक सेवा देते हैं तो वर्ड ऑफ माउथ मार्केटिंग आपके रेस्तरां के लिए चमत्कार कर सकती है।


    अपने रेस्तरां का प्रचार करना कभी बंद न करें। नए मेनू आइटम पेश करते रहें ताकि ग्राहक को एकरसता महसूस न हों।  रेस्तरां व्यवसाय में तीव्र प्रतिस्पर्धा है, लेकिन फिर भी सफल होने के लिए दृढ़ संकल्पित उद्यमियों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। आपके नए वेंचर के लिए शुभकामनाएं।


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