Medical Shop Business Plan-मेडिकल स्टोर कैसे खोलें - sure success hindi

success comes from knowledge

Breaking

Post Top Ad

Tuesday 5 October 2021

Medical Shop Business Plan-मेडिकल स्टोर कैसे खोलें

 Medical Shop Business Plan-मेडिकल स्टोर कैसे खोलें 

दवाइयों का कारोबार निरंतर वृद्धि की ओर अग्रसर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र के 2025 तक 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। इसलिए अगर आप एक ऐसे सदाबहार बिज़नेस की तलाश में हैं जो हर मौसम में रात और दिन चलता हो तो आप मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं। दूसरे बहुत से बिज़नेस, साइक्लिक मंदी से प्रभावित होते हैं परन्तु दवा का कारोबार इससे भी अप्रभावित रहता है। 


medicine-rack

   आज के युग में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है साथ ही फ़ास्ट फ़ूड और खानपान की गलत आदतों का दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ रहा है। इससे मनुष्य बीमार पड़ता है, फिर बीमारी से निपटने के  लिए आदतन दवा का सहारा लेता है। इस प्रकार दवा व्यवसाय निरंतर दिन दूनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़ रहा है। 


   आज किराने की दुकान के बाद सर्वाधिक मांग दवाई की दुकान यानी मेडिकल स्टोर की है। अगर आप भी पैसा कमाने के लिए मेडिकल स्टोर खोलने का सोच रहें हैं, तो आइये जानते हैं मेडिकल स्टोर खोलने का पूरा प्रोसेस क्या है। 


मेडिकल स्टोर खोलने की पूरी जानकारी (how to start a medical shop)


1. मेडिकल स्टोर खोलने की योग्यता (Qualification for Medical Store)


प्रश्न है कि मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कौन सी योग्यता होनी चाहिए या कौनसा कोर्स करना चाहिए? फार्मेसी व्यवसाय, मनुष्य के स्वास्थ्य से जुड़ा होने के कारण दवा विक्रेता की किसी भी चूक से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है इसलिए इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए फार्मेसी कोर्स करने की जरूरत होती है। 


  आप मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं और विद्यार्थी हैं, तो अभी से अपना फोकस इस ओर बनाएं। विशेष बात यह है कि 12th (Science) से करने के बाद आपको नीचे लिखे कोर्स में से किसी एक को पूरा करने के बाद ही मेडिकल स्टोर का लाइसेंस मिल पायेगा। इनमें से कोई भी कोर्स करने के लिए किसी भी प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से सम्पर्क करके फीस संबंधी जानकारी ले सकते हैं। ये कोर्स इस प्रकार से हैं -


D. Pharma (Diploma in Pharmacy)

B. Pharma (Bachelor of Pharmacy)

M. Pharma (Master of Pharmacy)

Pharma D. (Doctor of Pharmacy)


D. Pharma (Diploma in Pharmacy) -


सामान्य रूप से D. Pharma की वार्षिक फीस लगभग पचास हजार रूपये है, इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है। इस कोर्स में दवा दुकान संबंधी प्रैक्टिकल अनुभव भी दिया जाता है। जिनके पास बजट सीमित हो और समय की कमी हो, उनके लिए यह कोर्स बेस्ट है। ऐसे लोग इस डिप्लोमा कोर्स को करके मेडिकल शॉप में नौकरी कर सकते हैं या अपना मेडिकल शॉप खोल सकते हैं।

pharmacy



B. Pharma (Bachelor of Pharmacy) - 


फार्मेसी क्षेत्र का यह डिग्री कोर्स है इसकी अवधि 4 साल की होती है। इसे करने के बाद विभिन्न प्रकार के जॉब के अवसर प्राप्त हो सकते हैं और वेतन भी  D. Pharma धारक की तुलना में अधिक मिलता है। D. Pharma करने के बाद B. Pharma करना चाहेंगे तो आपको सीधे  B. Pharma के 2nd year में एडमिशन मिलेगा।


 M. Pharma (Master of Pharmacy) -


यह कोर्स B. Pharma करने के बाद कर सकते है और इसकी अवधि 2 साल की होती है। इसमें एडमिशन के लिए B. Pharma Course में 50% मार्क्स से अधिक लाने होते हैं। फार्मेसी क्षेत्र में इस मास्टर डिग्री का महत्व बहुत अधिक है। 


    जब आप कोर्स करने के बाद अपना मेडिकल स्टोर खोलते है तो आपको दवा संबंधी ज्ञान होने के कारण दुकान का संचालन करने में आसानी होती है और ज्यादा स्टाफ रखने की जरूरत नहीं होती है। परन्तु यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है और न ही ऐसा कोई कोर्स कर पाने के का समय है, तब क्या करें? 


   ऐसी दशा में आपको पहले ऐसे किसी व्यक्ति को अपने साथ जोड़ना है, जिसने उपरोक्त में से कोई कोर्स किया हुआ है। आप उसे  पार्टनर बना सकते हैं या सैलरी पर रख सकते है। उस व्यक्ति के नाम पर लाइसेंस लेकर मेडिकल स्टोर चला सकते हैं। परन्तु ध्यान रखें, नियमानुसार उस व्यक्ति की उपस्थिति मेडिकल स्टोर में जरूरी है। आपका स्टाफ भी अच्छी तरह से ट्रेंड और अनुभवी होना चाहिए।  

thermometer-on-pills


2. मेडिकल स्टोर के लिए ड्रग लाइसेंस (drug license for medical store) -



अपना कोर्स पूरा करने के बाद आपको  pharmacy council में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस लेना होता है, जोकि सबसे प्रमुख  कार्य है। इसके बिना आप मेडिकल स्टोर का संचालन नही कर सकते है। यह लाइसेंस राज्य  औषधि मानक नियंत्रण संग़ठन (State Drugs Standard Control Organization)  द्वारा ज़ारी किया जाता है। जारी किये जाने वाले लाइसेंस दो प्रकार के होते हैं -


A.  RDL (RETAIL DRUG LICENCE)- 



दवाइयों के फुटकर विक्रेता को यह लाइसेंस जारी किया जाता है। जब भी कोई व्यक्ति भारत में मेडिकल स्टोर खोलता है, तो उसे निर्धारित शुल्क का भुगतान करने के बाद अधिकारियों से रिटेल ड्रग लाइसेंस (RDL) प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। 


    यह लाइसेंस उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो कि रिहायसी इलाको में Medical Store खोलना चाहते हैं, किसी कॉलोनी या मोहल्ले में स्थित मेडिकल स्टोर इसी लाइसेंस के अंतर्गत आते है। इस प्रकार के ड्रग लाइसेंस के लिए मूल आवश्यकता यह है कि आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से फार्मेसी डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए।


B. WDL (WHOLE  SALE  DRUG  LICENCE)


बड़े लेवल पर काम करने के इच्छुक दवाइयों के थोक विक्रेता को यह लाइसेंस जारी किया जाता है।

drug-store


3. ड्रग लाइसेंस के लिए आवश्यक दस्तावेज (documents required for medical shop)



मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं -

निर्धारित प्रारूप में पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र, ड्रग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जमा किए गए शुल्क का चालान, कोर्स डिग्री सर्टिफिकेट, कोर्स के दौरान ट्रेनिंग एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट,राज्य की फार्मेसी कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, निर्धारित प्रोफार्मा में घोषणा पत्र, खुद की दुकान हो तो स्वामित्व के पेपर यदि किराये पर है तो किरायानामा, परिसर के लिए साइट योजना का खाका, दो फोटो, आधार कार्ड, पेन कार्ड, अन्य फॉर्म। 


4. मेडिकल स्टोर के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं -


A. आवश्यक क्षेत्र -


भारत में एक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए, आवश्यक न्यूनतम क्षेत्र 10 वर्ग मीटर है और एक सामान्य थोक फार्मेसी के लिए 15 वर्ग मीटर का क्षेत्र आवश्यक है। 

Medical store


B.रेफ्रिजरेटर की सुविधा -


मेडिकल स्टोर के लिए एक रेफ्रिजरेटर की आवश्यकता होती है, क्योंकि कुछ दवाएं हैं, जैसे कि टीके, इंसुलिन इंजेक्शन आदि को रेफ्रिजरेटर या फ्रीजर में संग्रहीत करने की आवश्यकता होती है। साथ ही मेडिकल शॉप में एक एयर कंडीशनर की जरूरत होती है। 


C. तकनीकी स्टाफ -


.रिटेल फार्मेसी स्टोर के लिए एक पंजीकृत फार्मासिस्ट ही दवा की खुदरा बिक्री में संलग्न हो सकता है, जिसे दवा नियंत्रण विभाग द्वारा अनुमोदित किया जाता है। यदि आपके नाम से लाइसेंस है तो ठीक अन्यथा पंजीकृत फार्मासिस्ट को पूरे काम के दौरान उपस्थित रहना होगा।


   ध्यान रखें आपने मेडिकल स्टोर के लिए जो लाइसेंस बनवाया है, उसे हमेशा अपने शॉप में ही रखना है। आप उसे फ्रेम करवा करके भी रख सकते हैं, मेडिकल स्टोर में उसे रखना बहुत जरूरी होता है। 


D. जीएसटी पंजीकरण


E. दुकान और स्थापना लाइसेंस या गुमास्ता पंजीकरण


medicine-rack


5. मेडिकल स्टोर के लिए स्थान (Location for Medical Store)-


सिर्फ मेडिकल स्टोर ही नहीं, बल्कि हर बिज़नेस की सफलता उसके लोकेशन पर निर्भर करती है। किसी हॉस्पिटल के आसपास की जगह मेडिकल स्टोर के लिए सबसे अच्छी होती है। अगर किसी बड़े हॉस्पिटल के अन्दर आपको मेडिकल स्टोर खोलने के लिए जगह मिल जाती है तो यह अधिक  फायदेमंद होगा। 


   अगर यह सम्भव नहीं हो पा रहा है तो आप किसी मेन रोड से लगी जगह में भी यह बिज़नेस शुरू कर सकते है। शॉप अच्छी तरह से दिखे इसके लिए दुकान की चौड़ाई पर्याप्त होनी चाहिए। दुकान की साइज 10 Square Meter से अधिक होना जरूरी है। शॉप के भीतर साफ सफाई और प्रकाश व्यवस्था अच्छी होना चाहिए। 


6. मेडिकल स्टोर में स्थापना व्यय (Requirement of Capital) -



मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको कुछ कोर्स करने पड़ेगे बाद में लाइसेंस लेने का खर्च आएगा। अगर अपनी शॉप न हुई तो किराये पर लेना पड़ेगा जिसमेँ एडवांस भी देना होता है। उसके बाद दुकान का इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च जिसमें रैक, काउंटर, कंप्यूटर, फ्रिज, AC, साइन बोर्ड आदि सम्मिलित हैं।


   अगर छोटे स्तर की मेडिकल स्टोर भी खोलते हैं तो दवाइयों के लिए 2 -3 लाख खर्च करने पड़ेगे ऐसे में 5 से 6 लाख तो आपको निवेश करने ही पड़ेगे, अगर आप बड़े लेवल पर काम करना चाहते है तो ये निवेश ज्यादा होगा।

also read -




500-rs-indian-note


7. कमाई कितनी होगी 
?



इस व्यवसाय में आप महीने में कुछ हजार से लेकर लाखो तक कमा सकते है। अगर आपकी शॉप किसी हॉस्पिटल के पास है तो आपकी कमाई लाखो में हो सकती है और वही अगर कम बजट वाली ऐसी जगह शॉप है जहा पर कम लोगों की नज़र पड़ती है, तो आपकी सेल और प्रॉफिट कम होगी। यह सब आपके बजट और लागत लगाने की क्षमता पर निर्भर है।


   इस बिज़नेस का एक और लाभ यह है कि दवा खरीदने वाले सामान्यतः मोलभाव नहीं करते जैसा कि दूसरे बिज़नेस में होता है। आपका मार्जिन प्रोडक्ट के प्रकार और कंपनी पर निर्भर करता है, कुछ प्रोडक्ट ऐसे भी होते हैं जिनका बेचने का प्रिंट रेट खरीदी भाव से दो-तीन गुना भी होता है। इन्हें डिस्काउंट करके बेचने पर भी दुकानदार को इसमें भारी मुनाफा रहता है।    


8. मेडिकल स्टोर के लिए जरूरी काम


A. सप्लायर से संपर्क करे -


अपने रिटेल स्टोर में दवाईयां खरीदने के लिए आपको अपने एरिया के होलसेलर दवा विक्रेता से सम्पर्क करना होगा, जिससे आपको उचित दामों में दवाईया मिल सके। आपको उन दवाइयों का स्टॉक विशेषरूप से रखना होगा जो आपके एरिया के डॉक्टर पेशेंट को अक्सर लिखते हैं। 


B. डॉक्टर से संपर्क करे -


आपको अपने एरिया के डॉक्टर से संपर्क करना पड़ेगा। आप उन्हें अपने मेडिकल शॉप के नाम और एड्रेस की छपी हुई पर्ची दे सकते हैं। हो सकता है कुछ डॉक्टर आपको सपोर्ट करें और वे अपने पेशेंट को आपके शॉप से दवा लेने को कह सकते हैं, इस काम के लिए उन्हें कमीशन देना पड़ता है।  

medicies


C. प्रचार और विज्ञापन -


ग्राहकों की संख्या बढ़ाने और नए ग्राहक प्राप्त करने के लिए प्रचार और विज्ञापन के लिए उचित बजट रखना होगा। पम्पलेट छपवाकर अखबारों के मध्य रखवाकर वितरित करवा सकते हैं। ग्राहकों को डिस्काउंट देकर अपनी शॉप से जोड़ सकते हैं। 


   आशा है ये आर्टिकल "Medical Shop Business Plan-मेडिकल स्टोर कैसे खोलें" आपको पसंद आया होगा, इसे अपने मित्रों को शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 

also read -




 

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad