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Tuesday 21 January 2020

Dubbing Artist Kaise Bane- डबिंग आर्टिस्ट कैसे बनें


Dubbing Artist Kaise Bane- डबिंग आर्टिस्ट कैसे बनें 

अगर आपको अपनी आवाज के साथ प्रयोग करना और पर्दे के पीछे रहकर अपनी आवाज़ के हुनर से शोहरत और पैसा कमाने की चाह है तो डबिंग आर्टिस्ट और वॉयस ओवर आर्टिस्ट बनकर आप अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। इस करियर में आपकी आवाज़ ही वो सब कुछ दे सकती है जिसकी शायद आपने कल्पना न की हो। 

    हमारे देश में बोली जाने वाली विविध भाषाओं को देखते हुए यहां डबिंग और वॉयस ओवर आर्टिस्टों की बहुत मांग है। फिल्मों के साथ टेलीविजन के लिए भी डबिंग आर्टिस्ट की जरूरत लगातार बढ़ती जा रही है। इसके अलावा ड्रामा, रेडियो, विज्ञापन, एनिमेशन फिल्म, ऑडियो बुक्‍स आदि में भी डबिंग आर्टिस्ट्स की मांग रहती है। 
V/O

 डबिंग आर्टिस्ट किसे कहते हैं ?

दक्षिण भारतीय भाषाओँ में बनने वाली फिल्मों को हिंदी में आप देखते हैं, जिसे डब फिल्म कहा जाता है।  आपने मूल रूप से हिन्दी में बनी कई फिल्मों और टेलीविजन कार्यक्रमों को दूसरी भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी देखा होगा, इसके पीछे डबिंग आर्टिस्ट का काम होता है। 

   कई बार  बॉलीवुड फिल्मों में ऐसे कलाकारों को लिया जाता है जिन्हें हिंदी ठीक से नहीं आती या जिनका हिंदी उच्चारण ठीक नहीं होता, तब डबिंग आर्टिस्ट की मदद ली जाती है जो इन एक्टर की जगह अपनी आवाज़ देते हैं।  

     डबिंग आर्टिस्ट एक अभिनेता भी होता है,  एक एक्टर जहां अपने चेहरे और हाव भाव द्वारा उस चरित्र को जीवंत करता है वहीं डबिंग आर्टिस्ट अपनी आवाज में भाव लाकर चरित्र को प्रभावी बनाता है। 

   एक ही डबिंग आर्टिस्ट चरित्र के मूड के हिसाब से अलग-अलग अंदाज की आवाज़ें निकालता है। कभी अपनी आवाज़ भारी बनाकर डर पैदा करता है तो कभी उसकी आवाज रोमांटिक तो कभी बालसुलभ चपलता लिए होती है।
    
    फ़िल्मों और टेलीव‍िजन में डब‍िंग आर्टिस्ट के लिए बेहतरीन अवसर होने के अलावा ये लोग रेडि‍यो जॉकी के रूप में भी काम कर सकते हैं। अन्य किसी पेशे से जुड़े रहते हुए भी वॉयस ओवर आर्टिस्ट या डबिंग का पार्ट टाइम  काम किया जा सकता है। अभिनय की दुनियां से जुड़े बहुत से लोग पार्ट टाइम डब‍िंग आर्टिस्ट का काम करके अतिरिक्त पैसे कमा लेते हैं। 
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सफलता के लिए आवश्यक गुण -

A. इसके लिए बोलचाल में स्पष्ट आवाज़ जरूरी है। परन्तु आपकी आवाज किसी ख़ास तरह की या भारी हो यह आवश्यक नहीं है, क्योंकि फिल्मों में विभिन्न प्रकार के चरित्र के लिए आवाज़ की आवश्यकता होती है। आपको शब्दों के जरिए भावनाओं को व्यक्त करने में माहिर होना चाहिए।

   डबिंग कलाकार के लिए यह आवश्यक है कि वह जिस कैरेक्टर के लिए डबिंग करने जा रहा है उसके हाव-भाव, उसके अभिनय उसके मूड और उसके संवाद बोलने की शैली के अनुसार डबिंग करे। 

B. हिंदी और इग्लिश का ज्ञान होना चाहिए, भाषा का ज्ञान होने के साथ उसकी बोलने की शैली समझना ज़रूरी होता है। उच्चारण शुद्ध, सटीक और धाराप्रवाह होने के साथ डबिंग में किस वर्ड पर कहां जोर देना है और कहां धीरे बोलना है, यह समझ होना चाहिए। माइक में देर तक बोल पाने की क्षमता और माइक हैंडिल करने का तरीका व तकनीक का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है। 

C. आपको इस क्षेत्र में सफल होने के लिए संबंधित लोगों से मिलना जुलना और सम्पर्क बनाये रखना जरूरी होगा। आपको निरंतर बेहतर करने का प्रयास करना होगा जिससे आपका नाम होता जायेगा,  आपका काम अच्छा होने पर लोग आपको बुलाने लगेंगे। 

  वॉयस ओवर आर्टिस्ट की आवाज जितनी लोकप्रिय और खास होगी, उसकी मांग और कीमत भी उतनी ही ज्यादा होगी।  कुछ V/O आर्टिस्ट फिल्म के मुख्य पात्र के लिए डबिंग का 1 से 3 लाख रूपये तक लेते हैं। 
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D. वॉइस आर्टिस्ट या डबिंग आर्टिस्ट के रूप में करियर बनाने के लिए स्पष्ट उच्चारण के साथ वॉइस मॉडय़ूलेशन (भावात्मकता) को विकसित करना होगा। इसके लिए कुछ वॉइस एक्सरसाइज करनी पड़ती है। यह सब  किसी सीनियर वॉइस ओवर आर्टिस्ट से ये सीखें या फिर कोई कोर्स करें, जिससे इस काम की टेक्निकल जानकारी आपको मिल जाएगी।

   अगर आप डबिंग आर्टिस्ट या वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में करियर बनाना चाहते है तो इसके सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं,  जो 1 महीने से लेकर 6 महीने की अवधि के होते हैं। गूगल सर्च से आप अपने आस पास के किसी अच्छे संस्थान और फीस की जानकारी लेकर यह कोर्स कर सकते हैं। कुछ संस्थानों के नाम इस प्रकार हैं। 

प्रमुख संस्थानों के नाम -


A. भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली

B. एकेडमी ऑफ रेडियो मैनेजमेंट, हौजखास, नई दिल्ली

C. एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, नोएडा

D. जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई

E. डिजायर्स एंड डेस्टिनेशन, मुंबई

F. ईएमडीआई इंस्टीट्यटू, मुंबई 

G. द वायस स्कूल, मुंबई
microphone

वॉइस-ओवर और डबिंग में क्या अंतर है?


वॉइस-ओवर या V/O क्या है? वॉयस-ओवर, विवरणात्मक (narrative) स्टाइल का होता है। इसमें लिप-सिंक नहीं करना होता है अर्थात वीडियो में प्रदर्शित किसी एक्टर के लिए उसके लिप मूवमेंट पर बिना ध्यान दिए वॉयस ओवर करना होता है। वॉयस ओवर आर्टिस्ट के लिए भाषा में पकड़ और शुद्ध उच्चारण होना ज़रूरी होता है। 

   वॉइस-ओवर का उपयोग अक्सर समाचार-संबंधित सेगमेंट, डिजिटल लर्निंग या डॉक्यूमेंट्री क्लिप में किया जाता है जो छोटे होते हैं और जहाँ अनुवाद प्राथमिक उद्देश्य होता है, जिसमें स्वर और भावनात्मकता की बारीकियों पर कम जोर दिया गया है। जैसे कि इन-द-फील्ड रिपोर्टिंग से फुटेज, या कॉन्फ्रेंस की कार्यवाही।

   डबिंग, जिसे भाषा प्रतिस्थापन के रूप में भी जाना जाता है, डबिंग आर्टिस्ट द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है और मूल वीडियो फुटेज का ऑडियो ट्रैक संवाद की वैकल्पिक भाषा रिकॉर्डिंग के साथ मिलाया जाता है। इसमें शब्द का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अनुवादित वीडियो को स्क्रीन पर अभिनेताओं के होंठ मूवमेंट के साथ सिंक्रनाइज़ किया जाना आवश्यक है।  
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   एक अच्छी तरह से तैयार की गई डब फिल्म की विशेषता यह है कि उसे देखकर दर्शकों का ध्यान इस ओर नहीं जाता कि इसमें डायलॉग मूल एक्टर द्वारा नहीं बोले गए हैं। क्योंकि यह वास्तव में एक "अभिनय" वॉयस रिकॉर्डिंग होती है जिसमेँ ध्वनि इंजीनियरिंग और संपादन का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि वह रियल लगे। इस तरह डबिंग आर्टिस्ट, लिपसिंक (lip sync) करता है और चरित्र के अनुसार अपने डायलॉग बोलते हुए भाव पैदा करके उस चरित्र को अपनी आवाज़ से जीवंत बनाता है।

वॉइस-ओवर और डबिंग आर्टिस्ट के लिए अवसर -

1. फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में -

फिल्मों में डबिंग का कार्य पोस्ट प्रोडक्शन में आता है। भारत में आजकल लगभग सभी हॉलीवुड फिल्मों को हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषाओँ में भी रिलीज किया जाता है।

   इसी तरह अंग्रेजी भाषा के लोकप्रिय धारावाहिक और अन्य मनोरंजक कार्यक्रम भी भारतीय भाषाओं में डब किए जाते हैं।इस कार्य के लिए बहुत से फिल्म और टेलिविजन प्रोडक्शन हाऊस के पास अपने डबिंग डिपार्टमेंट और डबिंग आर्टिस्ट होते हैं। जहां विभिन्न भाषाओँ में डबिंग कार्य किया जाता है।

    टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली कई कार्टून और एनिमेशन फिल्में विदेश से आती हैं, ये अंग्रेजी में होती हैं। अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इन्हें हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं में डब किया जाता है।

   साइंस, स्पोर्ट्स, हिस्ट्री, एडवेंचर और प्राणी जगत के प्रोग्राम दिखाने वाले कई विदेशी टीवी चैनल्स भी अपने प्रोग्राम हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में डब करवाकर प्रसारित करते हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता भारतीय दर्शकों के बीच बढ़ सके। 

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Voice-over

2. विज्ञापन जगत में -

टीवी के लिए बनने वाला कोई विज्ञापन बहुत सी भाषाओं में डब करके क्षेत्रीय चैनलों से प्रसारित होता है, इसलिए व‍िज्ञापन जगत में भी इनके लिए काफी अवसर हैं। आवाज़ की दुनिया में मिमिकरी एक कला है, इसमें प्रसिद्ध एक्टर्स या विशिष्ट व्यक्तियों की आवाज़ या उसके हाव भाव की नकल हूबहू उसी अंदाज़ में प्रस्तुत की जाती है। 

  इसका उपयोग विज्ञापन जगत में भरपूर किया जाता है। इस प्रकार मिमिकरी भी रोज़गार का ज़रिया बन सकता है। रेडियो में आप रेडियो विज्ञापन, प्रोमो इत्यादि के लिए वॉयस ओवर कर कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान बनने वाले दृश्य-श्रव्य माध्यमों के लिए भी मिमिकरी कलाकारों की ज़रूरत होती है।

3. रेडियो  में -

आप अपनी शुरूआत आकाशवाणी से कर सकते हैं। आकाशवाणी के ड्रामा सेक्शन का अपना एक महत्त्व है। यहां से प्रसारित होने वाले नाटकों में वॉयस ओवर आर्टिस्ट की मांग होती है। रेडियो नाटकों में भाग लेने से आपका उच्चारण और मॉडय़ूलेशन काफी सुधर जाता है। आप कमेंटेटर भी बन सकते हैं। 

    इसके अलावा प्राइवेट स्टूडियो, प्राइवेट एफएम चैनल्स आपको इस क्षेत्र में मौका देते हैं। आपको एंकरिंग और मंच संचालन का मौका भी मिल सकता है। इस क्षेत्र में कुशल होने के बाद आपकी बाज़ार में मांग हो जाती है और एजेंसियां भी आपसे संपर्क करने लगती हैं।  बाद में एक फ्रीलांसर कलाकार के रूप में काम कर सकते हैं।

   आशा है ये आर्टिकल "Dubbing Artist Kaise Bane- डबिंग आर्टिस्ट कैसे बनें" आपको पसंद आया होगा, इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें।  ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 

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1 comment:

  1. मेरे भांजे को बोहत शौक है, वो बोहत अच्छी आवाज़े निकाल लेता हैं, मैं उसे इस पोस्ट को शेयर करूँगा, 🙏

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