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Thursday 9 January 2020

Hing ki jankari- हींग के फायदे और नुकसान

Hing ki jankari -हींग के फायदे और नुकसान 

हींग (Asafoetida) का प्रयोग भोजन के स्वाद को तो बढ़ाता ही है साथ ही यह एक उपयोगी दवा भी है। अब लोग इसके औषधीय गुणों के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं।

   भारतीय रसोई में हींग का उपयोग स्वाद बढ़ाने के लिए एक मसाले के रूप में होने के साथ आयुर्वेदिक दवाओं में काफी समय से होता रहा है। इसमें एक तीक्ष्ण गंध होती है और कड़वा स्वाद होता है, कच्ची हींग का स्वाद लहसुन की तरह होता है।

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   हींग सौंफ प्रजाति का एक पौधा है जिसकी लंबाई 3 से 5 फिट तक होती है।हींग की सर्वाधिक खपत के बावजूद इसकी खेती भारत में बहुत कम की जाती है। 

   भारत में अधिकतर हींग अफगानिस्तान से आयात किया जाता है। वर्तमान में भारत दुनिया की हींग के कुल उत्पादन का 40% उपभोग करता है और इसका आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के हींग आयात का लगभग 92% अफगानिस्तान से होता है।


    आपकी रसोई में  छोटी डिब्बी में पाया जाने वाला हींग, एक सूखा लेटेक्स है जिसे फेरूला एसा-फेटिडा नामक पौधे के रस से बनाया गया है जो अफगानिस्तान का मूल है, हालांकि इसकी खेती अब ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान तक फैल गई है।  इस पौधे के विभिन्न वर्गों के भूमिगत प्रकन्दों व ऊपरी जडों से रिसनेवाले दूध को हींग के रूप में प्रयोग किया जाता है। 
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हींग की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र


हींग की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 20 से 25 सेंटीग्रेड होना चाहिए अर्थात इसकी खेती के लिए बहुत गर्म या अधिक ठंडा क्षेत्र नहीं चाहिए क्योंकि ज्यादा गर्म तापमान वाले क्षेत्रों में हींग के पौधे की ग्रोथ नहीं देखी जाती है जबकि बिल्कुल ठंडे क्षेत्रों में हींग की खेती पर पाला पड़ने जैसी समस्यायें होती हैं। 

   हींग को भारत के अधिकांश हिस्सों में नहीं उगाया जा सकता क्योंकि जलवायु पौधे के अनुकूल नहीं है। सरकार ने इसकी खेती को बढ़ावा देने की कोशिश की है और कश्मीर के साथ पंजाब के कुछ हिस्सों में इसकी खेती में कुछ सफलता पाई है, लेकिन अब तक इसका बड़े पैमाने पर व्यावसायिक उत्पादन नगण्य रहा है। 

    इसलिए स्वाभाविक रूप से आयात ही एकमात्र विकल्प है। ज्यादातर भारतीय आयातक कच्ची हींग मंगवाते हैं फिर इसमें स्टार्च और गोंद मिलाकर मिश्रित हींग के रूप में बेचा जाता है।

हींग के प्रकार


भारत में इस्तेमाल होने वाली हींग की दो सबसे आम किस्में लाल और सफेद या भूरी हैं।

1. सफेद हींग जिसे जिसे काबुली सफेद हींग भी कहा जाता है। अफगानिस्तान में पैदा होने वाली यह हींग पानी में घुलनशील है। 

2. हींग के दूसरे प्रकार की बात करें तो उसे लाल हींग कहा जाता है उसमें सल्फर की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी गंध बहुत तीखी होती है।लाल हींग तेल में घुलनशील है।
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    हींग किसी भी खाने को और स्‍वादिष्‍ट बना देती है,  बस चुटकी भर हींग ओर सारे खाने का स्‍वाद बदल जाता है यह गर्म प्रकृति की होती है और कफ वात का नाश करती है। हींग को उन सब्जियों और दालों में डालना चाहिए जो बादी पैदा करते हैं, यानी गैस आदि की समस्‍या पैदा कर सकते हैं । 

  इसके बेसिक फायदे तो सभी जानते हैं, लेकिन हींग के और भी बहुत से फायदे हैं। आइए जानते हैं हींग के अन्य फायदों के बारे में -  

हींग के फायदे  -

1. पाचन की समस्या में -

हींग भूख को बढ़ाती है, भूनी हुई हींग में एक ग्राम अजवाइन और काला नमक मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से पेट में गैस का बनना व डकार आना ठीक हो जाता है। 

  भोजन के 3- 4 घंटे बाद पेट में दर्द होने पर आधा ग्राम हींग को जीरा पाउडर और मीठा सोडा के साथ मिलाकर घी या शहद के साथ लेने पर पेटदर्द में आराम मिलता है। 

 पेट की अनेक समस्याओं जैसे बदहजमी, पेट फूलना, हाजमे की समस्या आदि में हींग बहुत उपयोगी है। फ़ूड पॉइज़निंग होने पर भी इसको फायदेमंद माना जाता है। भोजन के बाद छाछ में मिलाकर भी इसे ले सकते हैं। इससे बनने वाली औषधि में हिंग्वाष्टक चूर्ण, हिंग्वादी वटी आदि शामिल हैं।  

    गुड़ में बाजरे के दाने के बराबर हींग रखकर खाने से उल्टी आना, डकार आना और हिचकी आना बंद हो जाता है। छोटे बच्चे के पेट में गैस की समस्या हो तो हींग को पानी में धोलकर नाभि के आसपास लेप करें। यह उपाय छोटे बच्चों के पेट की गैस और पेट दर्द के लिए बहुत ही कारगर है। 

2. साँस की बीमारियों में उपयोगी -

महर्षि चरक के अनुसार हींग दमा के रोगियों के लिए रामबाण औषधि है .हींग का प्रयोग साँस से जुडी बीमारियों जैसे दमा, काली खांसी, सूखी खांसी और अस्थमा को ठीक करने में किया जाता है। सर्दी होने पर इसे पानी में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इसे छाती पर मलें। 

  जुकाम में भी इसका उपयोग खूब कारगर है। 1 ग्राम हींग को सोंठ और मुलहठी के साथ बारीक पीसकर इसमें गुड़ मिलाकर चने के आकार की गोलियां बना लें। सुबह और शाम 1-1 गोली का सेवन करने से जुकाम में राहत मिलेगी। हींग के घोल को सूंघने से जमा हुआ कफ निकल जाता है और साँस लेने में आसानी होती है।  


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3. महिलाओं के लिए लाभकारी -

मासिक धर्म के किसी कारण से बंद हो जाने के बाद महिलाओं द्वारा अपने मासिक धर्म को फिर से शुरू करने जैसी स्थितियों के लिए हींग का उपयोग किया जाता है। वे महिलाएं जिन्‍हें मासिक धर्म के दौरान बहुत दर्द होता है वो लगभग आधा ग्राम भुनी हुई हींग तीन दिन तक सुबह पानी के साथ लें, इसका लाभ उन्‍हें जरूर मिलेगा। यह प्रयोग मासिक धर्म शुरू होने वाले दिन से करें।


4. कैंसर से बचाव -


हींग शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होती है, यह फ्री रेडिकल से शरीर को बचाती है। शोध से पता चला है कि हींग घातक कोशिकाओं के विकास को रोककर हमें कैंसर से बचाती है। 


5. त्वचा रोगों में भी असरदार -

दाद की परेशानी खत्म करने के लिए हींग को सिरके के साथ प्रयोग करें। सिरके के साथ पीसकर इसे दाद वाली जगह पर लगाने से आराम मिलेगा।नीम की नई पत्तियां और हींग को साथ में पीसकर इसका रस फोड़े-फुंसी  वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है, ये पिंपल्‍स पर भी असर करता है ।


6. लो ब्लड प्रेशर में -

हींग का सेवन करने से शरीर में ब्‍लड क्‍लॉटिंग होने या थक्के बनने की स्थिति में फायदा होता है। लो ब्लड प्रेशर होने पर आपके लिए हींग का सेवन फायदेमंद होता है। ये रक्‍त प्रवाह में अवरोध उत्‍पन्‍न होने से बचाता है।


7. दांतों के दर्द में -

दांतों के दर्द में इसे थोड़े से पानी में उबालकर कुल्ला करने से फायदा होता है। इसके अलावा हींग के साथ गर्म पानी के गरारे करने से गले का इन्फेक्शन खत्म हो जाता है। 

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अन्य लाभ -

a. अगर पैर की एड़ियां फट गई हों, तो नीम के तेल में हींग डालकर उसे फटी जगह पर लगाएं, एड़ियां ठीक हो जाएंगी।


b. अगर जी मिचलाता हो तो 5 ग्राम भूनी हुई हींग, चार चम्मच अजवाइन, दस मुनक्का और थोड़ा सा काला नमक लेकर पींस लें। एक बार में चौथाई चम्मच लेते हुए दिन में तीन बार इसका प्रयोग करें। 

c.  अगर आप हिचकी से परेशान हो गए हैं तो हींग को गुड़ के साथ खाएं, और फिर देखिए आपकी हिचकी कितनी जल्‍दी ठीक हो जाती है।

d. कान के दर्द में राहत के लिए थोड़े सरसों के तेल में जरा सी हींग डालकर अच्छी तरह गर्म कर लें फिर इसे छानकर हल्का गर्म रहते हुए कुछ बूँद कान में डालें। 

खुराक -

हींग की उचित खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि उपयोगकर्ता की आयु, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियां। अतः हींग का दवा के रूप में उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

विशेष सावधानियां और चेतावनी -

1.  अधिक मात्रा में इसके सेवन से होंठों में सूजन, दस्त, सिरदर्द, ऐंठन, रक्त विकार और अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

2. गर्भावस्था में और स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के लिए हींग का सेवन करना सुरक्षित नहीं है। यह गर्भपात का कारण हो सकता है, इसके अधिक उपयोग से बचें। हींग में मौजूद रसायन स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के दूध में जा सकता है और शिशु में रक्त विकार पैदा कर सकता है। 

3. छोटे बच्चों को हींग नहीं खिलाना चाहिए यह उनके लिए असुरक्षित होता है।  क्योंकि इससे कुछ रक्त विकार हो सकते हैं।

4. रक्तस्राव विकार वाले लोग हींग का उपयोग न करें। हींग रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकती है। 

5. मिर्गी वाले लोग हींग का उपयोग न करें, इससे दौरे पड़ सकते हैं।

6.  अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है तो इसके इस्तेमाल से बचें।

7.  हींग सर्जरी के दौरान और बाद में रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसलिए सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले हींग लेना बंद कर दें।

  आशा है ये आर्टिकल "Hing ki jankari- हींग के फायदे और नुकसान " आपको उपयोगी लगा होगा इसे अपने मित्रों से शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।

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