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Wednesday 31 July 2019

Signs of a liar. झूठ पकड़ने की 6 ट्रिक्स ( tricks)

Signs of a liar. झूठ पकड़ने की ट्रिक्स 

अक्सर आप ऐसे लोगों से परेशान रहते होंगे जिनकी आदत में ही शुमार होता है झूठ बोलना। ऐसे लोग किसी भी वक़्त और किसी से भी झूठ बोलने में नहीं हिचकते। 

  इन्हें इस बात की भी परवाह नहीं होती कि इस झूठ का सामने वाले व्यक्ति पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। यहाँ तक कि ये लोग  स्वयं के चरित्र पर, सच सामने आने के बाद पड़ने वाले दुष्प्रभाव के प्रति भी बेफिक्र होते हैं। 

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  प्रकृति ने पशुओं को आवाज़ निकालने की सीमित क्षमता प्रदान की है, वहीं मनुष्यों को वाणी की अद्भुत क्षमता से नवाज़ा है। पर दुनिया में तो कई इंसान ऐसे हैं जो अकारण ही वाणी क्षमता का दुरूपयोग करते हैं और खूब झूठ बोलते हैं।

   जिस जगह सच बोलने से उसे कोई नुकसान नहीं हो रहा होता वहां भी वह झूठ बोलता है। ऐसी सिचुएशन में आप समझ नहीं पाते कि वो इंसान झूठ क्यों बोल रहा है। 

   झूठ पकड़ने का कोई विश्वसनीय तरीका नहीं होता लेकिन थोड़े सी चतुराई, बुद्धिमानी से आप उम्मीद कर सकते हैं कि सच बाहर आएगा। नीचे दी गई ट्रिक्स आजमाकर आप किसी झूठे इंसान के सच को जान सकते हैं। 

  इसके लिये पहले आपको उस इंसान के चेहरे, हावभाव और उसकी छोटी-छोटी हरकतों पर ध्यान देना होता है। थोड़े अभ्यास से आप इसमें निपुण हो सकते हैं और फरेबियों के जाल से स्वयं को बचा सकते हैं।  

झूठ पकड़ने की ट्रिक्स

1. बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें -

जब भी आपको शक हो कि सामने वाला व्यक्ति आपसे झूठ बोल रहा है तो सबसे पहले उसकी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें। अलाबामा विश्वविद्यालय के टिमोथी लेवाइन कहते हैं कि झूठ बोलते वक़्त कुछ भावनाएं मज़बूती से जगती हैं, जैसे घबराहट, अपराधबोध और चुनौती देखने पर उत्तेजित होना। 

   इसके परिणामस्वरूप हृदय गति बढ़ जाती है और श्वास की गति असमान्य हो जाती है। किसी से बात करते समय देखें कि उसकी शारीरिक गतिविधियों में किस प्रकार की असमान्यता है साथ ही उसके व्यवहार पर ध्यान दें। 

  झूठ बोलते समय गाल का लाल होना और घबराहट पूर्ण हंसी भी देखी जाती है। बात करते समय यदि वह अपने हाथ-पांव हिलाने या खुजाने लगे, हाथों को जेब के भीतर डाल ले तो इसका मतलब है कि शायद वह सच नहीं बोल रहा है।अक्सर ऐसे लोग अपने हाथों को छिपाकर रखते हैं। 
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2. चेहरे के भाव -

झूठ पकड़ने के लिए सामने वाले के चेहरे के बदलते भावों को गौर से देखें। यदि बोलते समय उसके माथे पर चिंता की लकीरें बन रही हैं, तो इसका मतलब है वह झूठ बोल रहा है। लेकिन इसके विपरीत वह शांति और बिना तनाव के जवाब दे रहा है तो वह सच बोलता हो सकता है। झूठ बोलने वाला व्यक्ति अनजाने में कुछ व्यर्थ की हरकतें करने लगता है। 

  जैसे अपना सिर खुजाने लगता है, अपनी नाक को बार बार छूता है या अपने होंठ दांतों से दबाता है। ऐसी हरकत यह बताती है कि सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ छिपा रहा है। जब इंसान झूठ बोलता है तो उसकी चेहरे की भाव-भंगिमाएं बदलती रहती हैं कभी वह हाथ से मुंह को ढकने की कोशिश करता है तो कभी किसी प्रश्न पर होठों पर जीभ फिराता है। 

3. आँखों की भाषा पढ़ें -      

चेहरे के भावों को पढ़ते समय आँखों की भाषा पर विशेष ध्यान दें। आंखें हमारे मन का आइना होती हैं। सच्चा व्यक्ति पूरे आत्मविश्वास से आंखें मिलाकर बात करता है। यदि उसके दिल में कोई चोर होगा तो वह आपसे नज़रें चुराने की कोशिश करेगा। 

  सच्चाई छिपाने के लिए बोलते हुए ज़मीन की ओर देखना सिद्ध करता है कि उसका दिल साफ़ नहीं है। कुछ लोग झूठ बोलते समय अपनी पलकों को बहुत तेजी से झपकते हैं या आंखों को मलते हैं। आंखों की इन हरकतों से उनका झूठ पकड़ सकते हैं। 

   एक ट्रिक के जरिये उसके दाएं या बाएं देखने के आधार पर सच और झूठ का पता कर सकते हैं। यह ट्रिक माइंड के लेफ्ट हिस्से के मेमोरी को रिकॉल करने और राइट हिस्से के इमेजिनेशन के कार्य पर आधारित है। 

 आपके सवाल पूछने पर सामने वाला व्यक्ति यदि अपनी नज़रें लेफ्ट साइड घूमाता है तो इसका मतलब हुआ कि वह अपनी मेमोरी को रिकॉल करके सच बोल रहा है। यदि उसकी नज़रें अपने राइट साइड की ओर घूमें तो इसका अर्थ हुआ कि वह अपनी कल्पना के जरिये उस सवाल का जवाब गढ़ने की कोशिश में लगा है और झूठ बोलने की कोशिश कर रहा है। 

4. आवाज़ की टोन को पकड़े -

बोलते समय अटकना या एक वाक्य में कुछ बोलकर दूसरे वाक्य में उसका खंडन करने लगना यह बताता है कि वह आपसे सत्य छिपाने की कोशिश कर रहा है। झूठ बोलने पर आवाज़ में थरथराहट आ जाती है ऐसे में व्यक्ति या तो जोर से बोलने लगता है या फिर बहुत धीमे स्वर में जवाब देता है। 

  अक्सर ऐसे लोग कुछ ज्यादा ही भोले बनने की कोशिश करते हैं इस प्रकार कुछ ज्यादा ही मासूम बनकर दिए गए उनके जवाब से आप उनके झूठ को बखूबी पकड़ सकते हैं। अचानक आवाज़ की टोन का बदल जाना, कुछ छुपाते हुए जल्दी में बात करना या फिर उसकी हिचकिचाहट भी झूठ का पर्दाफाश कर देती है। 

   मान लीजिए, आप किसी से बात कर रहे हैं और आपने उससे कोई सवाल किया, तो आपको तुरंत जवाब मिलने की जगह चुप्पी मिलेगी। यह दर्शाता है कि वह सच बोलने के बजाय अपने मन में कोई कहानी गढ़ रहा है जिसके माध्यम से सच को छुपाया जा सके। 

   जब कोई झूठ बोलता है तो वह मुद्दे की बात से बचने की कोशिश करता है और बार-बार टॉपिक चेंज करने की कोशिश करता है। जब कोई आरोपी अदालत या पुलिस स्टेशन में झूठ बोलता है तो तनाव के कारण उसे पसीना बहुत आता है। वह बार बार पहलू बदलता है और  कंधे उचकाता है।

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5.  शीघ्र निष्कर्ष पर न पहुचें - 

शारीरिक गतिविधियों और फेस एक्सप्रेशन के द्वारा सामान्य तौर पर झूठ का पता लगाया जा सकता है परन्तु कुछ लोग झूठ बोलने में बहुत माहिर होते हैं। ऐसे लोग अपनी बॉडी लैंग्वेज या फेस एक्सप्रेशन को कण्ट्रोल करके हमें आसानी से धोखा दे सकते हैं। कुशल अभिनेता की तरह ये लोग अपनी इच्छानुसार भाव दिखा देते हैं। 

  एक दूसरी समस्या यह है कि मानव व्यवहार में भारी अंतर हैं। शारीरिक मुद्राओं से झूठ या सच पहचानना सब पर एक समान रूप से लागू नहीं होता। कोई घबराया हुआ लग रहा है या कोई महत्वपूर्ण ब्यौरा याद करने में परेशानी अनुभव कर रहा है, तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि वह झूठा है। इसलिए किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अधिक से अधिक तथ्यों की ओर देखना चाहिए।
  

6. अधिक से अधिक सवाल करें -

मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि शारीरिक मुद्राओं में बताए गए लक्षणों की पहचान की कोशिश के बजाय झूठ बोलने वाले की कहानी में कमियां ढूंढने के लिए चतुराई से तैयार सवाल अधिक बेहतर होते हैं। उससे अधिक से अधिक सवाल करें फिर उसके हर जवाब को ध्यानपूर्वक सुनें। 

  अगर आपको उसके ब्यौरों में कोई विरोधाभास दिखता है तो टोकें नहीं। इससे   झूठ बोलने वाले का आत्मविश्वास बढ़ेगा जिससे वह और झूठ बोलता जाएगा। उसके आत्मविश्वास में बदलाव को देखें। ध्यान से देखें कि जब उसके किसी जवाब को चुनौती दी जाती है तो वह कैसे रियेक्ट करके अपना  रंग ढंग बदलता है।  

  एक झूठा व्यक्ति बड़बोला भी हो सकता है, जब वह यह महसूस करता है कि वार्तालाप का नियंत्रण उसके हाथ में है। लेकिन जब उसे लगता है कि वह नियंत्रण खो रहा है तो वह एकदम चुप भी हो सकता है। 

   उससे ऐसे प्रश्न करें जिनका उत्तर हाँ या ना में न होकर थोड़े विस्तार में उसे बताना पड़ें। संदिग्ध से इतनी घटनाओं और तथ्यों की बात करनी चाहिए कि इन सभी को याद रखने के लिए उसके दिमाग़ पर खासा बोझ पड़े। 

    इस तरह की बातचीत में झूठ बोलने वाला अपनी ही बातों को काटकर या डांवाडोल होकर खुद ही अपने झूठ का पर्दाफ़ाश कर देता है। झूठ बोलने वाले से ऐसे अप्रत्याशित सवाल पूछने चाहिए जो थोड़े भ्रम में डालने वाले हों, या फिर घटनाओं के बारे में उल्टे क्रम में पूछा जाए। ये ऐसे तरीके हैं जिनके प्रयोग से उसके लिए अपने मुखौटे को बनाए रखने में मुश्किल पैदा होगी। 

conclusion -

यदि आपके आस पास कोई झूठा व्यक्ति हो तो बेहतर होगा उससे दूरी बना कर रखें। ऐसे लोग कभी भी अपनी झूठी कहानी सुनाकर आपसे अपना काम निकलवाने की कोशिश में रहते हैं। अगर आप जान समझकर भी उनकी मदद करेंगे तो उन्हें और बढ़ावा मिलेगा जिससे उनमें सुधार की गुंजाइश समाप्त होती जाएगी। 

  आशा है ये पोस्ट "Signs of a liar. झूठ पकड़ने की 6ट्रिक्स" आपको उपयोगी लगी होगी इसे शेयर कर सकते हैं। साथ ही अपने सवाल और सुझाव कमेंट सेक्शन में जाकर लिख सकते हैं। इसी तरह की और भी अच्छी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 

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