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Saturday 10 October 2020

The Danger of Facebook-फेसबुक के 7 छिपे हुए खतरे

The Danger of Facebook-फेसबुक के 7छिपे हुए खतरे

सोशल मीडिया नेटवर्क के लिए भारत एक तेज़ी से बढ़ता हुआ बाजार है, अन्य किसी सोशल मीडिया नेटवर्क की तुलना में फेसबुक (Facebook) ने बहुत तेज़ी से भारतीयों के बीच अपनी घुसपैठ की है।फेसबुक का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या के आधार पर भारत एक महत्वपूर्ण बड़ा देश बन रहा है। इसके यूज़र्स बढ़ने के साथ समाज का एक वर्ग इसका लती (addicted) बन रहा है, ये ऐसे लोग हैं जिन्हें कुछ घंटों के लिए भी फेसबुक से दूर रहने में कठिनाई होती है। 


facebook

 

   फेसबुक ने विज्ञापनदाताओं को भेजे गए नए आंकड़ों में बताया है कि अब उसके भारत में 24 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, जो कि अमेरिका के फेसबुक यूजर्स से भी अधिक हैं। विश्व में सर्वाधिक आबादी वाले देश चीन में यह प्रतिबंधित (बैन) है। फेसबुक के कर्ताधर्ता जानते हैं कि उसके विश्व में वर्तमान 2 बिलियन (अरब) मासिक उपयोगकर्ताओं से भविष्य में 3 बिलियन तक बढ़ने में भारत, फेसबुक की मदद कर सकता है।


फेसबुक के 7 छिपे हुए खतरे (7 Hidden Dangers of Facebook)


फेसबुक पर देर तक लगे  रहने से आपकी  फिजिकल और मेंटल  हेल्थ पर काफी  बुरा  असर  पड़ता  है। आपकी आँखें कमजोर पड़ सकती हैं, आपकी नींद गायब हो सकती है, गलत पोस्चर में बैठने से आपको स्पॉन्डिलाइटिस या रीढ़ की हड्डी में प्रॉब्लम हो सकता है। इन शारीरिक समस्याओं के साथ मानसिक अवसाद या डिप्रेशन में जाने का खतरा तो हमेशा ही बना रहता है, इसके कारणों की चर्चा हम नीचे करेंगे। 


  विशेषज्ञों के अनुसार लोगों को जागरूक होना चाहिए जब वे सोशल नेटवर्क का उपयोग करते हैं।आज एक व्यक्ति सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर औसतन 90 मिनट प्रति दिन खर्च करता हैं। यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम सोशल मीडिया जिन्न के बारे में ज्ञान प्राप्त करें, क्योंकि यह सच है कि हमारे जागरूक हुए बिना यह जिन्न बोतल में वापस नहीं जाने वाला है।


      फेसबुक के 5 करोड़ यूजर्स का डेटा चोरी हो जाने से पूरी दुनिया में इसकी विश्वसनीयता पर बहस छिड़ गई है। फेसबुक पर ये आरोप लग चुके हैं कि वह उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी को व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराने के लिए गोपनीयता सेटिंग्स में हेरफेर करता है। ऐसे आरोप "गोपनीयता और उपभोक्ता संरक्षण संगठनों" ने फेसबुक पर लगाए हैं। 


    हैकर्स द्वारा कुछ फेसबुक यूजर्स के डेटा बेचे जाने की खबरें भी हैं। इसके अलावा, कुछ फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने अपनी निजी चैट को अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट के सभी लोगों के लिए विज़िबल पाया - यह एक प्रमुख सुरक्षा उल्लंघन है, जो लोगों को आश्चर्यचकित करने के साथ यह सोचने पर विवश करता है कि साइट कितनी सुरक्षित है।


   दूसरों के साथ जुड़ने और खुद को अभिव्यक्त करने की हमारी इच्छा अवांछित दुष्प्रभावों के साथ आती है। सोशल मीडिया वास्तव में हमें उस स्थान से दूर ले जा सकता है जिसे हमने पहले स्थान पर चाहा था। फेसबुक के नुकसान इतने खतरनाक हैं कि आपको इसके इस्तेमाल के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है।



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1.  ईर्ष्या को बढ़ावा -


फेसबुक सामाजिक ईर्ष्या को बढ़ा सकता है। यहां लोग अपनी सफलता, अच्छाइयों, मौज मस्ती और सैर-सपाटों को प्रदर्शित करते हैं। यह व्यक्तिगत विकास के लिए ईंधन हो सकता है, अगर हम स्वयं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें। लेकिन अक्सर यह लोगों के असंतोष का कारण बनता है और उनमें आत्महीनता की भावना को बढ़ाता है, जो उन्हें डिप्रेशन की तरफ ले जाता है।  


   ऑनलाइन सामाजिक तुलना उन्हें ईर्ष्या के गर्त में धकेल देती है, जहाँ अन्धकार के अलावा कुछ भी नहीं है। अगर विभिन्न सामाजिक स्तर वाले लोगों की दोस्ती को प्रतिद्वंद्विता, दुश्मनी और कुटिलता में बदल दिया जाए तो ऐसे सोशल मीडिया से दूरी ही भली है। 


   सोशल मीडिया हमें एक-दूसरे की "हाइलाइट रील" को देखने के लिए कहता है, हम तुलना करके खुद को अभावग्रस्त महसूस करते हैं। कई लोग फेसबुक पर समय बिताने के बाद असंतुष्ट महसूस करते हैं। एक अध्ययन ने यह दिखाया है कि युवा वयस्कों ने फेसबुक पर जितना अधिक समय बिताया, उतना ही बुरा महसूस किया और जब उन्होंने 1 महीने लिए फेसबुक छोड़ा तो उनमें आत्मसंतोष की भावना देखी गई।  


2. अपराध की संभावना को बढ़ाता है -


यह एक वास्तविकता है कि फेसबुक का आपराधिक तत्वों ने फायदा उठाकर अपने अपराधों को अंजाम दिया है। यदि आप फेसबुक का उपयोग करने में सावधान नहीं हैं, और अपनी पूरी डिटेल वहां शेयर करने या शेखी बघारने में विश्वास रखते हैं तो आप अपने घर में चोरी की संभावना को बढ़ा रहे हैं। 


  ऐसी घटनाएं देखी गई हैं जब किसी व्यक्ति ने पर्यटन के दौरान अपनी फोटो पूरे विवरण के साथ फेसबुक पर शेयर की, जिसे चोर प्रवृति के लोगों ने देख लिया और उनके घर में सेंध लगा दी। क्योंकि चोरों को फेसबुक के माध्यम से पता था कि यह व्यक्ति अभी घर लौटने वाला नहीं है। 

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   महिलाओं को फेसबुक में दोस्त बनाकर न सिर्फ उनकी अस्मत लूटी गई बल्कि उन्हें ब्लैकमेल करने की खबरें अक्सर आती रहती हैं। ब्लैकमेल का आधार उन आपत्तिजनक तस्वीरों को बनाया जाता है जो अपराधी ने महिला से सम्पर्क बनाने के दौरान चोरी से निकाली हुई होती हैं। 


  इसके लिए अपराधी लोग फेक ID बनाकर अपना काम करते हैं। जब महिला उनके सांचे में उतर जाती है तब ये लोग उसे किसी होटल में बुलवाते हैं जहां गोपनीय कैमरा लगा होता है। हाल के वर्षों में फेसबुक के जरिये महिलाओं को फंसाकर किये जाने वाले अपराधों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। 


  फेसबुक पर आपके असली दोस्त की प्रोफ़ाइल भी आपको असुरक्षित बना सकती हैं। यदि आपके दोस्तों के नेटवर्क में किसी के पास एक कमजोर पासवर्ड है और उसका प्रोफ़ाइल किसी साइबर अपराधी के द्वारा हैक किया गया है, तो वह आपको मैलवेयर भेज सकता है। 

 

   ठगी के इस फॉर्मूले में कोई व्यक्ति आपकी प्रोफ़ाइल हैक करता है और आपके दोस्तों को पैसे भेजने के लिए संदेश भेजता है कि -"मैं बाहर हूँ और किसी संकट में फंस गया हूँ, कृपया मुझे पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करें।" फेसबुक में यह संदेश पाकर आपके मित्र को लगता है कि उनके अच्छे दोस्त को मदद की ज़रूरत है और वे पैसे भेज देते हैं। ये सब वास्तविक खतरे हैं।


3. समय की बर्बादी -


विषेशज्ञ तो सोशल मीडिया की लत को कुछ हद तक मादक द्रव्यों के सेवन और जुआ व्यसनों के समान खतरनाक बताते हैं। थोड़ा समय अपने मनोरंजन को देना तो ठीक है, पर मनोरंजन की आड़ में घंटो फेसबुक पर लगे रहना कहां की समझदारी है? फेसबुक में लगे रहकर हम अपने जरूरी कामों को भी टालते रहते हैं, इस तरह हमारी कार्यक्षमता घटने लगती है। 


   इसका सर्वाधिक बुरा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है वे अपने पढ़ाई का समय फेसबुक पर लगा रहे हैं। एक स्टडी के अनुसार फेसबुक उपयोग करने वाले बच्चों का परीक्षा में परफॉरमेंस इसे उपयोग न करने वाले बच्चों की तुलना में खराब पाया गया। बच्चों के मामले में फेसबुक के जरिये वल्गरिटी देखे जाने की एक अन्य समस्या है। माँ बाप भी बच्चों को रोकने में असमर्थ हैं क्योंकि वे भी फेसबुक में लगे हैं। 

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4. अपनी ख़ुशी के लिए दूसरों पर निर्भरता -


फेसबुक पर फोटो डालने के बाद लोगों को इस बात की चिंता लगी रहती है कि उनकी फोटो को लाइक्स या कमेंट कितने मिले, इस तरह अपनी ख़ुशी के लिए व्यक्ति दूसरों पर निर्भर हो जाता है। इस आदत के शिकार लोग फेसबुक को बार -बार खोलकर देखते रहते हैं। उन्हें ये चिंता सताती है कि उनके लाइक्स किसी फ्रेंड को मिलने वाले लाइक्स से कम न हों।  

   इसके लिए उटपटांग मुद्राओं में सेल्फी ली जाती है, कुछ गर्ल्स तो इस चक्कर में अपने कपड़ों का ध्यान भी नहीं रखती। उनका एकमात्र प्रयास यह होता है कि किसी भी तरह वे आकर्षक लग सकें और उनकी ख़ूबसूरती के पॉजिटिव कमेंट पा सकें। फेसबुक का सेल्फी चक्कर बहुत से लोगों की जान ले चुका है, अच्छे फोटो के लिए ये लोग पहाड़ों, नदियों, गगनचुम्बी इमारतों या खतरनाक स्थानों में जाकर सेल्फी लेते समय असावधानी वश दुर्घटना का शिकार होते हैं। 



5. यह एक बिज़नेस मॉडल है -


फेसबुक आपके द्वारा ही आपकी अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है ताकि इसे विज्ञापनदाताओं के साथ साझा करके इसका नगदीकरण किया जा सके।  यह फेसबुक के सर्वोत्तम हित में है कि आप अधिक से अधिक जानकारी इस प्लेटफार्म पर साझा करें। 


  फेसबुक का मिशन आपसे अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करना है क्योंकि अब यह दिख चुका है, जितनी अधिक जानकारी आप साझा करते हैं, उतना ही अधिक पैसा यह विज्ञापनदाताओं के साथ बनाने जा रहा है।


6. वास्तविकता से दूर करता है -


अक्सर लोग फेसबुक फ्रेंड्स की बढ़ती संख्या पर गर्व करते हैं और यह बताने से नहीं चूकते हैं कि मेरे 500, FB फ्रेंड्स हैं। इस मकड़जाल में वे अपना कितना समय बर्बाद कर रहे हैं, इस बात की हकीकत से अंजान होकर वे दोस्तों की आभासी दुनियां में खोये रहते हैं। यह वर्चुअल वर्ल्ड उनकी रियल फ्रेंडशिप और रिलेशनशिप को दिए जाने वाले समय को उनसे छीन लेता है, वे उन्हें उतना समय नहीं दे पाते जितना समय उन्हें मिलना चाहिए।   


   भले ही  FB फ्रेंड्स की लिस्ट में हमारे रिलेटिव्स और फ्रेंड्स भी होते हैं पर वे भी उस भीड़ का हिस्सा हो जाते हैं और हम उन पर उतना ध्यान नहीं देते।फेसबुक पर दिखने वाले नए चेहरों का आकर्षण और फ्रेंड रिक्वेस्ट की दुनियां अधिक आकर्षित करती है और व्यक्ति इसकी भूल भुलैय्या में खोकर रह जाता है। 


  फेसबुक के कारण पति पत्नी के बीच मनमुटाव व अब तो तलाक तक की समस्या देखी जा रही है। होता यह है कि हाउस वाइफ तो दिन भर फेसबुक चला लेती हैं और शाम को जब पति ऑफिस से घर आता है तब वह फेसबुक में बिजी हो जाता है। अगर पत्नी इस पर आपत्ति करती है तो झगड़ा शुरू हो जाता है। 


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7. फेक ID व न्यूज़ की समस्या -


फेसबुक पर दोस्तों का एक बड़ा नेटवर्क खतरनाक हो सकता है। क्या आप फेसबुक पर अपने बहुत सारे दोस्तों की वास्तविकता को जानते हैं? क्या वे सभी असली हैं? इस बात की बहुत संभावना है कि उनमें बहुत से फेक या नकली ID वाले हों अर्थात उनका रियल नाम व परिचय कुछ और हो। पूर्व में किये गए एक अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला गया था कि सभी फेसबुक प्रोफाइल में से 40 प्रतिशत नकली हैं। 


   इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिसे आप युवा खूबसूरत लड़की  समझकर चैटिंग किये जा रहे हैं वह वास्तव में कोई बूढी महिला हो या महिला बनकर कोई पुरुष ही आपसे चैट कर रहा हो।


    इसी प्रकार उम्रदराज या विधवा महिलाओं को ठगने वाले गिरोह के लोग किसी हैंडसम आदमी की फोटो अपनी प्रोफाइल में लगाते हैं और स्वयं को बड़ा बिज़नेस मैन बताकर उनसे दोस्ती कर लेते हैं। बाद में कोई महंगा गिफ्ट भेजने की बात कहकर कस्टम ड्यूटी या अन्य किसी बहाने से ऑनलाइन पैसे मँगवाकर ठगी करते हैं। 


    फेसबुक के समर्थन में कहा जाता है कि इससे हमें किसी घटना की वीडियो रिपोर्ट तुरंत प्राप्त हो जाती है। इसमें कुछ सच्चाई हो सकती है, परन्तु क्या आपने गौर किया कि ऐसी कितनी वीडियो झूठी होती हैं। आपको वर्षों पुरानी किसी वीडियो क्लिप को एडिट और वॉइस चेंज करके भेजा जाता है जिसमें उस घटना को वर्तमान समय का बताया जाता है। वास्तविक घटना का स्थान भी इसमें परिवर्तित किया गया होता है, हो सकता है वह घटना विदेश में कहीं घटी हो। 


इससे छुटकारा कैसे पाएं -


आपको एक बात समझना है कि कोई भी आपको फेसबुक इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है। यह जानते हुए कि सोशल मीडिया हमारे रिश्तों को कैसे प्रभावित करता है, हम सोशल मीडिया इंटरैक्शन को उन लोगों तक सीमित कर सकते हैं जिन्हें हम वास्तविक दुनिया में जानते हैं। ऐसा करने पर हम फेक ID की दलदल में फंसकर अपना कीमती समय बर्बाद करने से बच सकेंगे। 


   आप खुद से यह महत्वपूर्ण सवाल कर सकते हैं क़ि फेसबुक मेरे और मेरे रिश्तों के लिए क्या कर रहा है? और इसका मेरे जीवन पर कौनसा सकारात्मक प्रभाव पड़ा है? इसके बाद आप अपना फेसबुक पर बिताने वाला समय निश्चित कर सकते हैं। मान लीजिए आपने इसके लिए दिन भर में 30 मिनट का समय निर्धारित किया है तो इसका कड़ाई से पालन करें। बाद में फेसबुक से 1 सप्ताह का ब्रेक लेना शुरू करें, धीरे धीरे आपकी यह लत छूट जाएगी, इसके लिए आपका संकल्पवान होना जरूरी है। 


    आशा है ये आर्टिकल "The Danger of Facebook-फेसबुक के 7 छिपे हुए खतरे " आपको उपयोगी लगा होगा। इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल और सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 


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