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Monday 27 December 2021

Advantages and Disadvantages of Day Trading-डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

Advantages and Disadvantages of Day Trading-डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

डे ट्रेडर का अर्थ, वह व्यक्ति जो ट्रेडिंग डे के अंत से पहले अपने ट्रेडों को ओपन और क्लोज  करता है; यानी अगले दिन के लिए उसकी मार्केट में कोई पोजीशन बनी नहीं होती। डे ट्रेडर का लक्ष्य इंट्राडे में बनने वाले प्राइस एक्शन चार्ट के आधार पर बड़ी या छोटी अवधि के ट्रेड निष्पादित करना है।


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  एक दिन के ट्रेड में कई प्रकार की ट्रेडिंग रणनीतियाँ काम में लायी जा सकती हैं। स्केल्पिंग, न्यूज़ पर आधारित ट्रेड और एक्सपायरी के दिन हीरो या जीरो स्टाइल के ट्रेड सहित किस ट्रेडिंग शैली को चुनना है, यह ट्रेडर के व्यक्तिगत चरित्र, परिस्थितियों और अनुभव के साथ उसकी रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। 


    यदि कोई ट्रेडर किसी एक ट्रेडिंग शैली के उपयोग में कम्फर्ट फील करता है, तो दूसरी शैली में उसकी गतिविधि के परिणाम नकारात्मक और खराब होंगे। यह उस काम को करने जैसा है जो आपको पसंद नहीं है। इसलिए एक नए ट्रेडर के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वह मार्केट की विभिन्न शैलियों को जानें और अपने लिए उपयुक्त शैली में कार्य करें। इससे उसकी ट्रेडिंग दक्षता में वृद्धि होगी।


  सफल और लाभदायक ट्रेड के लिए, डे ट्रेडर को अपने पिछले समय के ट्रेड अनुभवों पर ध्यान केंद्रित रखना होता है। साथ ही उन्हें मार्केट के नवीनतम ट्रेंड और समाचारों के आधार पर विश्लेषण (Analysis) करके ट्रेड करना चाहिए। अनुकूल व्यापारिक संभावनाओं के लिए अधिकतर डे ट्रेडर तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग करते हैं। 


   डे ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप बाज़ार में टिके रहें, इसके लिए मनी मैनेजमेंट की समझ आवश्यक है। ऐसा नहीं करने पर आप किसी एक ट्रेड में ही अपनी पूरी रकम खोकर मार्केट से बाहर हो सकते हैं। इसलिए पहले खुद को स्थापित करें।


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डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान


शेयर मार्केट में किसी भी तरीके से पार्टिसिपेट करें -चाहे मध्यम अवधि का निवेश हो अथवा स्विंग ट्रेडिंग हो या इंट्राडे ट्रेडिंग हो, सबके अपने फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। डे ट्रेडिंग के लिए शेयर बाज़ार का पर्याप्त ज्ञान होने के साथ ही इसके पक्ष और विपक्ष पर विचार करने की आवश्यकता है। 

 

1. रात्रि में चिंतामुक्त होना - 


भारत के शेयर मार्केट सुबह 9 बजे खुलकर दोपहर में साढ़े तीन बजे बंद हो जाते हैं, परन्तु अमेरिका के शेयर बाज़ार इसके कुछ घंटों बाद रात्रि में खुलते हैं। यदि वहां के बाज़ार में कोई बड़ी चाल आती है तो उसका प्रभाव विश्व के बाज़ारों के साथ भारतीय बाज़ार पर भी पड़ता है, इससे बाजार में पहले से ली हुई कोई भी पोजीशन बहुत अधिक प्रभावित होती है। 


   इंट्राडे ट्रेडर के लिए लाभ की बात यह है कि उसे किसी पोजीशन को होल्ड करने से जुड़ा कोई जोखिम नहीं होता। चूंकि डे ट्रेडर प्रत्येक ट्रेडिंग डे के बंद होने से पहले अपने ट्रेड को क्लोज कर देते हैं, इसलिए उन्हें रातोंरात देश या विदेश के किसी समाचार या घटना के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।  


  एक डे ट्रेडर, रात में अच्छी नींद ले सकता है क्योंकि उसे अगले दिन बाज़ार खुलते ही कोई हानि होने का डर नहीं होता है। बाजार अगले कारोबारी दिन में बहुत अधिक गैप अप या गैप डाउन भी खुल जाता है, तब भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। जबकि पोज़िशनल ट्रेडर इससे बहुत अधिक प्रभावित होता है। 


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  मार्केट में कोई पोजीशन न होने के नुकसान भी है। कई बार बड़े गैप अप या गैप डाउन से मार्केट का खुलना उन स्विंग ट्रेडर के लिए बहुत लाभदायक होता है जो उस दिशा में अपनी पोजीशन बनाकर बैठे होते हैं। परन्तु  इंट्राडे ट्रेडर को कभी भी इस तरह का लाभ नहीं मिलेगा, वे इससे वंचित रह जाते हैं।


2. अपनी मर्जी का मालिक -


एक डे ट्रेडर अपनी मर्जी से काम करता है। उसके पास काम का कोई बंधन नहीं होता, वह ट्रेडिंग पीरियड में जब चाहे ट्रेड ले सकता है अथवा किसी भी दिन छुट्टी ले सकता है। मार्केट में ट्रेड लेने की उसे कोई बाध्यता नहीं होती। किसी कर्मचारी के विपरीत इंट्राडे ट्रेडर, आवश्यकतानुसार आराम कर सकता है और अपनी लय में काम कर सकता है।


  एक नौकरी पाने के लिए एक निश्चित डिग्री की उपलब्धता और साक्षात्कार में उत्तीर्ण होना  अनिवार्य है। इसके विपरीत, डे ट्रेडिंग के लिए महंगी उच्च शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। इसके लिए आप इंटरनेट और यूट्यूब पर कई मुफ्त शैक्षिक सामग्री पा सकते हैं, हालाँकि सफलता के लिए बाजार के बारे में वास्तविक ज्ञान और आपका अनुभव अधिक महत्वपूर्ण होता है।


3. लाभ -हानि दोनों ही अधिक -


एक इन्वेस्टर शेयर बाज़ार से अपनी पूँजी पर 15%  वार्षिक लाभ की कामना करता है। परन्तु आप इंट्राडे ट्रेडिंग की छोटी अवधि के दौरान इससे अधिक लाभ एक ही दिन में प्राप्त कर सकते हैं। इंट्राडे ट्रेडर आमतौर लीवरेज का लाभ लेते हुए अपनी रकम से 5 -10 गुना बड़ा ट्रेड करते हैं। इसका अर्थ यह है कि डे ट्रेडर किसी इन्वेस्टर की तुलना में बहुत कम पूँजी के साथ भी ट्रेडिंग कार्य की शुरुवात कर सकता है, क्योंकि इन्वेस्टर को शेयर की पूरी कीमत देकर उसे होल्ड करना होता है।  


   बहुत से डे ट्रेडर केवल ऑप्शन में ट्रेड करते हैं। यदि उनकी एनालिसिस सही साबित हुयी और वे धैर्य के साथ अपने ट्रेड को दिन के दौरान पर्याप्त समय देते हैं तो उनका मुनाफा उनकी पूँजी की तुलना में कई गुना हो सकता है। उदाहरण के लिए आप किसी ऑप्शन का दिन के दौरान का हाई और लो देख सकते हैं। निफ़्टी या बैंक निफ़्टी का 100 रूपये का ऑप्शन 300 या अधिक भी हो सकता है। 


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   इस प्रकार डे ट्रेडिंग सबसे आकर्षक है, लेकिन इंट्राडे आधार पर ट्रेडिंग करने वाले अधिकांश लोग पैसा नहीं कमा पाते हैं। अपर्याप्त प्रशिक्षण, धैर्य और अनुशासन की कमी जिसमें अपने बनाये नियमों का पालन भी न कर पाना, अनुभव की कमी, अहंकार की अधिकता जैसे मनोवैज्ञानिक कारण भी सफलता में बाधक होते हैं। 

   फिर भी, यह उन लोगों के लिए एक लाभदायक तरीका बन सकता है -जो अपनी गलतियों से सीखते हैं, होमवर्क करने के लिए तैयार हैं, अपनी ट्रेडिंग योजना विकसित करते हैं और सख्ती से उस पर टिके रहते हैं। लॉस को कम रखने और प्रॉफिट साइज को बड़ा रख पाने में सक्षम ट्रेडर ही यहां टिक सकता है। 


4. पूर्णकालिक कार्य -


इंट्राडे ट्रेडर को मार्केट में अवसर की तलाश में चौकन्ना रहना पड़ता है, इसके लिए उसे मार्केट में होने वाले मूवमेंट पर निरंतर नज़र रखनी पड़ती है। इसलिए इंट्राडे ट्रेडर, अन्य किसी दैनिक नौकरी के जरिये नियमित मासिक वेतन के बारे में नहीं सोच सकता। 


  इसका यह अर्थ भी नहीं है कि एक डे ट्रेडर मार्केट ओपन रहने की पूरी सवा छै घंटे की अवधि तक ट्रेड करता रहे, हो सकता है वह वह आधे -एक घंटे में ही अपना वांछित लाभ प्राप्त करके फ्री हो जाए। इस तरह वो दिन का बाकी समय अपने मनोरंजन और दूसरे कामों में लगा सकता है। 


   दूसरी तरफ यह भी हो सकता है कि कोई ट्रेडर मार्केट की पूरी अवधि तक अपने टर्मिनल को देखता रहे और एक भी ट्रेड न ले पाए या उसका लिया हुआ ट्रेड दिन के अंत में घाटे का सौदा सिद्ध हो। यह शेयर मार्केट में डे ट्रेडिंग का एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि वह यदि उस समय को किसी नौकरी में देता तो उसे कुछ वेतन अवश्य मिलता।  


    इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग से चाहे कितनी भी महारत क्यों न हो इसके जरिये लाभ कमाने, अपने खर्चे निकालने और बिलों का भुगतान करने की गांरंटी कभी नहीं होती। इसमें लाभ के साथ हानि होने की पूरी संभावना हमेशा बनी होती है, इसलिए जीवन यापन के लिए केवल डे ट्रेडिंग पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। 


   जब कोई डे ट्रेडर अपने जीवन जीने के खर्चे इसके माध्यम से निकालना चाहता है तो उस पर ट्रेड लेने का एक दबाव आ जाता है, भले ही उस समय चार्ट में ट्रेड लेने के अनुकूल सिग्नल न दिख रहे हों। इस प्रकार के दबाव में जब वह ट्रेड लेता है, तो उसके गलत होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

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5. तनाव  (Stress)-


डे ट्रेडिंग में बहुत तेज़ी से निर्णय लेने की जरूरत होती है। यहां बहुत देर तक विचार करते रहने पर ट्रेड हाथ से निकल सकता है या मुनाफा बुक करने में देरी से हाथ में आया लाभ, हानि में बदल सकता है। यह किसी नए ट्रेडर के लिए तनाव का कारण बनता है। 


   डे ट्रेडर अक्सर लाभ के समय बहुत कम लाभ लेकर निकल जाते हैं, जबकि सौदा विपरीत जाने पर इंतज़ार करने की नीति अपनाते हैं। इस कारण लाभ तो बहुत छोटा होता है परन्तु लॉस बहुत बड़ा होता है। इसके कारण ट्रेडर स्ट्रेस में रहता है। जबकि सौदा सही पड़ने पर और धैर्य के साथ उसमें पर्याप्त समय तक रुकने पर उसे लाभ भी बड़ा होता है, जो ख़ुशी देने साथ और बड़े ट्रेड लेने की मनोवृति उतपन्न कर सकता है। 


  लम्बे समय के इन्वेस्टर को इस प्रकार रोलर -कोस्टर की स्थिति से नहीं गुजरना पड़ता। यदि मार्केट में थोड़ी बहुत मंदी आती भी है, तब भी उसे कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता, उसकी सोच होती है कि थोड़े समय बाद वह इस लॉस से उबर जायेगा क्योंकि मार्केट को अंततः ऊपर ही जाना है, इसलिए उसे अधिक तनाव नहीं होता। 


6. जोखिम अधिक -


डे ट्रेडिंग स्वाभाविक रूप से जोखिम भरा है। इंट्राडे ट्रेडर को मार्केट के अगले कुछ मिनटों या घंटों की दिशा का अनुमान लगाना होता है, जोकि एक कठिन कार्य है। इसलिए अधिकांश वित्तीय सलाहकारों का सुझाव है कि शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करना अधिक सरल है, इसमें कम स्ट्रेटेजी से भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। 


   डे ट्रेडर को हेज फंड और बाजार के बड़े पेशेवर ट्रेडर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है, जिनके पास सूचना के विभिन्न स्त्रोत होते हैं और प्रॉफिट कमाने के लिए वे लोग लाखों रूपये खर्च करते हैं। ये लोग एडवांस सॉफ्टवेयर का प्रयोग भी अपनी ट्रेडिंग के लिए करते हैं। एक इंट्राडे ट्रेडर के पास अक्सर ऐसी सुविधाओं का अभाव होता है और वो ज्यादातर इंट्राडे ट्रेड में सफल नहीं हो पाता।  


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   लम्बे समय के इन्वेस्टर को अपनी पूरी पूँजी खोने का खतरा कम होता है, उसके पास लम्बा समय होता है कि वह अपने लिए गए शेयर की चाल विपरीत होने पर उसे बेचकर अपने लॉस को सीमित कर सके। परन्तु इंट्राडे में लीवरेज के जरिये लिए गए ट्रेड के गलत पड़ने पर अक्सर पूरी पूँजी खोने का खतरा होता है।


   मार्केट के विषेशज्ञ चेतावनी देते हैं कि डे ट्रेडर्स को केवल उस धन को जोखिम में डालना चाहिए जिसे वे खो सकते हैं, किसी से उधार ली गई रकम या मार्जिन ट्रेडों के माध्यम से ट्रेड करना खतरनाक हो सकता है और इसमें भारी नुकसान की आशंका होती हैं।  ये नुकसान न केवल ट्रेडर के कैरियर को नष्ट कर सकते हैं, बल्कि व्यक्तिगत समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं।


7. ओवर ट्रेडिंग -


जब मार्केट में डे ट्रेडर का कोई सौदा गलत हो जाता है तब उस लॉस को कवर करने के लिए उसके द्वारा रिवेंज ट्रेडिंग की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी दशा में वह जल्दबाज़ी में सौदा लेने और काटने की कोशिश करता है जिससे और भी नुक्सान उठाता है। 


  बहुत अधिक ट्रेड करने पर उसका ब्रोकरेज चार्ज भी बढ़ता जाता है, यह एक अन्य नुकसान होता है। जबकि स्विंग ट्रेडर या इन्वेस्टर के ट्रेडों की संख्या बहुत कम होती है, इस कारण उनका ब्रोकरेज चार्ज भी कम लगता है।   


Conclusion -


इंट्राडे ट्रेडर के लिए एकमात्र विकल्प होता है कि वो अपनी गलतियों से सीखे और मार्केट की दिशा में अपना ट्रेड बनाए।  लाभ उत्पन्न करने के लिए अधिक लचीलापन रखते हुए गलत ट्रेड से जल्दी बाहर निकले अन्यथा जिद से उसकी पूरी रकम एक ट्रेड में ही साफ़ हो सकती है। वहीं फायदे के ट्रेड से निकलने की जल्दबाज़ी न करे और अपने स्टॉपलॉस को आगे खिसकाते चले।  


   वह सावधानीपूर्वक योजना बनाये और किसी ट्रेड में एंट्री व एग्जिट पॉइंट को स्पष्ट रूप से अपने माइंड में लेकर चले और समय पर उसका अनुपालन करने में चूक न करे। यहां 10% वही ट्रेडर सफल होते हैं जो उपरोक्त नीतियों के साथ तेजी से ट्रेड करने में कामयाब होते हैं।


     आशा है ये आर्टिकल "Advantages and Disadvantages of Day Trading-डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान" आपको पसंद आया होगा, इसे अपने मित्रों को शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 


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