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Thursday 5 December 2019

RTGS, NEFT aur IMPS kya hai

RTGS, NEFT, aur IMPS kya hai

फण्ड ट्रांसफर के लिए नेट बैंकिंग में इस्तेमाल होने वाले शब्द हैं -RTGS, NEFT,  और IMPS, आज के समय में नेट बैंकिंग का चलन काफी बढ़ गया है जिसके ज़रिये पैसों का ट्रांजेक्शन बिना बैंक गए अपने लैपटॉप या मोबाइल से भी बड़ी आसानी से किया जा सकता है। 

   जब हमें ऑनलाइन एक एकाउंट से दुसरे एकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना होता है तो बैंक हमें पैसा ट्रांसफर करने के लिए कुछ ऑप्शन देते हैं - RTGS, NEFT,  और IMPS, इनका फुल फार्म इस प्रकार हैं - NEFT = National Electronic Fund Transfer, RTGS =Real Time Gross Settlement और  IMPS = Immediate Payment service.

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     इन तीनो ही सर्विस का इस्तेमाल पैसा ट्रांसफर करने में होता है लेकिन तीनो में भिन्नता है।इसलिए नेट बैंकिंग का इस्तेमाल ट्रांजेक्शन के लिए करते समय  RTGS, NEFT और  IMPS के बारे में जानना जरूरी है। आइये जानते हैं ये क्या हैं और इनमें क्या अंतर है।

1. RTGS (Real Time Gross Settlement) -


RTGS के जरिये  real time में या बिना देरी किये पैसा ट्रांसफर होता है। इसमें सेन्डर के द्वारा भेजा गया पैसा इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर के जरिये beneficiary के एकाउंट में तुरंत पहुँच जाता है। यहाँ Gross Settlement का मतलब इंडीविसुअल बेसिस में ट्रांज़ैक्शन प्रोसेस होने से है। 

   RTGS  से रकम भेजने की न्यूनतम (minimum) लिमिट 2 लाख रुपया होती है, इसलिए इसका उपयोग 2 लाख से छोटी रकम भेजने  के लिए नहीं किया जा सकता। अधिकतम लिमिट के लिए अपने बैंक से सम्पर्क करें क्योंकि कुछ बैंकों में यह 10 लाख रुपया होती है तो कुछ बैंक 25 लाख तक की maximum लिमिट देते हैं। 

     इंटरनेट बैंकिंग के लिए  RTGS सर्विस का इस्तेमाल किया जा सकता है पैसा भेजने और प्राप्त करने का यह एक सुरक्षित तरीका है। इसमें आप online और offline दोनों माध्यम से पैसा transfer कर सकते हैं, Offline का मतलब बैंक के ब्रांच में जाकर यह सर्विस ले सकते हैं। इस सर्विस को  RBI (Reserve Bank of India) के द्वारा मेंटेन्ड किया जाता है। RTGS से फण्ड ट्रांसफर करना NEFT की अपेक्षा बहुत ज्यादा तेज़  होता है। 
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2. NEFT (National Electronics Fund Transfer) -

NEFT  का इस्तेमाल करके पैसा एक बैंक से दूसरे बैंक के एकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है। पेमेंट ट्रांसफर करने का यह एक लोकप्रिय तरीका है क्योंकि इसमें फण्ड ट्रांसफर के लिए 2 लाख रूपये की न्यूनतम लिमिट नहीं है।

     NEFT के माध्यम से आप छोटी राशि का आदान-प्रदान कर सकते हैं इसमें कोई न्यूनतम और अधिकतम सीमा नहीं है.। NEFT सर्विस का उपयोग मोबाइल या नेट बैंकिंग के जरिये फण्ड ट्रांसफर के लिए किया जा सकता है, जिसके लिए IFSC code की आवश्यकता होती है। NEFT के जरिए फंड का ट्रांसफर, RTGS की तरह बैंक ब्रांच के जरिए भी किया जा सकता है।


     पहले  NEFT सर्विस, केवल बैंक के वर्किंग आवर्स तक ही इस्तेमाल होता था। इसका उपयोग रविवार या बैंक हॉलिडे के दिन नहीं किया जा सकता था। परन्तु रिज़र्व बैंक के नए निर्देश के अनुसार 16 january 2020 से इसे सप्ताह के प्रत्येक दिन 24 x 7 उपयोग किया जा सकता है। 


   NEFT (National Electronic Fund Transfer) में फण्ड ट्रांसफर तुरंत न होकर  बैचेज में करने की व्यवस्था होती है। इसलिए इस सर्विस के जरिये पैसा ट्रांसफर करने में 30 मिनट से 2 घंटे का समय लगता है।  यदि बैंक के वर्किंग आवर्स खत्म होने तक इसका प्रोसेस पूरा नहीं हो पाता है तो इसका प्रोसेस दूसरे दिन स्टार्ट होता है। 
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3. IMPS (Immediate Payment Service) -

IMPS सर्विस  NPCI (National Payments Corporation of India) के द्वारा मैनेज की जाती है जो की RBI (Reserve Bank of India) के अंतर्गत  है। IMPS, के जरिये फण्ड तुरंत ट्रांसफर होता है, इस सेवा को सार्वजनिक तौर पर 22 नवंबर 2010 में शुरू किया गया था।

   सबसे तेज़ गति से पैसा ट्रांसफर होने के कारण यह विधि काफी पॉपुलर है। यह एक रियल टाइम फण्ड ट्रांसफर मेथड होने के कारण Beneficiary के एकाउंट में तुरंत (immediate) पैसा ट्रांसफर हो जाता है। 


     मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये यह सेवा सप्ताह के सातों दिन-रात (24x7) उपलब्ध होती है, चाहे उस समय बैंक भले ही बंद हों। इसे SMS या ATM के जरिये भी उपयोग कर सकते हैं। पैसा ट्रांसफर करने की अधिकतम लिमिट जानने के लिए अपने बैंक से सम्पर्क करें। अधिकतर बैंकों में यह 1 से 2 लाख तक है। इस सेवा के जरिये विदेश में पैसा नहीं भेजा जा सकता।  
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  ये सभी सेवाएं या फण्ड ट्रांसफर, इंटरनेट बैंकिंग फैसिलिटी के जरिए किए जाते हैं। इसके लिए ये चीज़े आवश्यक हैं-

A. ऐक्टिवेशन -

RTGS, NEFT या  IMPS ट्रांजैक्शन के लिए अपने बैंक से मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग ऐक्टिवेट कराना जरूरी है।

B. बेनिफिशरी -

जिस आदमी को पैसा भेजा जाना है, उसे बेनिफिशरी के तौर पर ऐड करना जरूरी है। इसके लिए उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट की डिटेल जानकारी होनी आवश्यक है जिसमें बेनिफिशरी एकाउंट होल्डर का नाम, उसका एकाउंट नंबर, जिस ब्रांच में पैसे भेजे जाने हैं, उस बैंक और ब्रांच का नाम के साथ उसका IFSC कोड भी जानना जरूरी है। 

  इस जानकारी को चेक करने के बाद  बैंक को बेनिफिशरी एक्टिवेशन करने में समय लगता है। कुछ बैंकों में यह कार्य 30 मिनट में तो अन्य बैंक में 12 से 24 घंटे का समय लगता है। यह जांच पूरी हो जाने के बाद नया बेनिफिशरी ऐक्टिवेट हो जाता है। इसके बाद ही फंड को उसके अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है। Beneficiary Add करने की प्रोसेस के दौरान  आपके मोबाइल नंबर पर  OTP भी आ सकता  है। 

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C. ट्रांसफर -

सबसे पहले अपने बैंक की वेबसाइट में जाकर लॉगिन करें फिर फण्ड ट्रांसफर ऑप्शन RTGS, NEFT या IMPS का चुनाव करें। इसके बाद बेनिफिशरी की लिस्ट में से संबंधित व्यक्ति का नाम सेलेक्ट करें, फिर राशि और ट्रांजैक्शन पासवर्ड देने के बाद फण्ड ट्रांसफर की प्रोसेसिंग हो जाती है। 

  इसके लिए बैंक द्वारा एक OTP भेजा जाता है जिसे आप अपने मोबाइल पर SMS के जरिये प्राप्त कर सकते हैं। इस fund transfer के लिए प्रत्येक बैंक का चार्ज अलग अलग होता है। 

4. IMPS का प्रयोग MMID के द्वारा-

बिना बेनिफिशरी ऐड किये मोबाइल नंबर और MMID द्वारा भी IMPS को इस्तेमाल करना चाहते है तो आपके बैंक अकाउंट को  मोबाइल बैंकिंग सर्विस के लिए Enrolled होना चाहिए। 

 इसके लिए अपने मोबाइल नंबर को अपने बैंक में एप्लीकेशन फॉर्म भरकर  register करने पर आपको  एक यूनिक सेवन डिजिट नंबर MMID प्राप्त होगा जिसका   इस्तेमाल आप IMPS के लिए कर सकते है। 

   यह कोड SMS Request करने पर प्राप्त होता है, वहीं कुछ बैंकों में इसे मोबाइल बैंकिंग के जरिये Auto Generate कर सकते हैं। IMPS के जरिये अपने बेनिफिशरी के मोबाइल नंबर और MMID कोड की जानकारी होने पर फण्ड ट्रांसफर ATM से भी कर सकते हैं। 

   आशा है ये आर्टिकल "RTGS, NEFT aur IMPS kya hai" आपको नेट बैंकिंग संबंधित जानकारी देने में सफल सिद्ध हुआ होगा। इसे अपने मित्रों तक शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें।

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1 comment:

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