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Sunday 8 September 2019

Readymade garments business. कपड़ें का बिज़नेस

Readymade garments business.कपड़ें का बिज़नेस 

रेडीमेड कपड़ों का बिज़नेस खोलकर आगे तरक्की करने के अच्छे चांस होते हैं। अगर आपके पास कम पैसे हैं तब भी यह काम छोटी सी दुकान किराये पर लेकर शुरू किया जा सकता है जिसे बाद में धंधे की समझ और ग्राहकों की जरूरत के अनुसार बड़ा रूप दे सकते हैं। यह एक सदाबहार बिजनेस है जो हमेशा चलता है। 

  रेडीमेड कपड़े एक बेसिक जरूरत की तरह है, कपड़े खरीदकर सिलवाने की बजाय आजकल रेडीमेड कपड़े लेना अधिक पसंद किया जाता है। ऑनलाइन बिज़नेस के बढ़ते प्रभाव के बावजूद कपड़ों का दुकानों से होने वाला व्यापार 10 -15% वार्षिक वृद्धि की दर से बढ़ रहा है और 6 लाख करोड़ से अधिक का हो चुका है। 

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    शादी और त्योहार के सीजन में रेडीमेड कपड़ों की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में अगर आप कपड़ो का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो पहले कपड़ो की क्वालिटी और खरीदी के लिए होल सेल मार्केट की जानकारी कर लें। क्योंकि तभी आप अपने कस्टमर को सही रेट में कपड़ा दे पाएंगे। 

  आइए जानते हैं कि कैसे रेडीमेड कपड़ो का बिजनेस आपके लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकता है। 


रेडीमेड गारमेंट का बिज़नेस 

रेडीमेड गारमेंट के बिज़नेस में आप विभिन्न तरीकों से उतर सकते हैं। यदि आपके पास मार्केट एरिया में कोई दुकान नहीं है तो किसी भी दूसरी जगह में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कपड़ा सिलाई का काम किया जा सकता है। 

  शहर के आउटर भाग में ऐसी जगह बहुत कम किराये पर उपलब्ध होती है। यहां कुछ सिलाई मशीनें खरीदकर कारीगरों से मार्केट की डिमांड के अनुसार कपड़ें तैयार करवा सकते हैं। यदि अधिक पूँजी का इंतज़ाम कर सकते हों तो रेडीमेड गारमेंट का होलसेल कारोबार किया जा सकता है। यदि विदेशी बाजार की समझ हो तो गारमेंट एक्सपोर्ट कर सकते हैं। 

1. दुकान के लिए सही स्थान का चयन-

दुकान के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जो भीड़ भाड़ वाला मार्केट एरिया हो अथवा ऐसी सड़क से लगी दुकान हो जिसमें अच्छी संख्या में लोगों का आवागमन होता हो। वहां कपड़े की दुकानें पहले से हों तो और अच्छा रहेगा। इससे वह एरिया कपड़ा मार्केट बन जाता है, इसका लाभ यह होता है कि कपड़ा लेने वाले ग्राहक का ध्यान उस ओर अधिक जाता है और वह किसी न किसी दुकान से खरीदी कर लेता है। display-rack

2. कस्टमर की जरूरत को समझें -

रेडीमेड गारमेंट की दुकान शुरू करने से पहले यह डिसाइड करना होता है कि आप वहां मेल, फीमेल या बच्चों के कपड़े रखेंगे। आमतौर पर रेडीमेड कपड़ों की विस्तृत रेंज के कारण सभी तरह के कपड़े रखना एक मध्यम स्तर के दुकानदार के लिए सम्भव नहीं हो पाता।

   अपने क्षेत्र के लोगों की   मानसिकता के हिसाब से यह समझे कि उन्हें कौन सी कपड़े की वैरायटी   अच्छी लगती है। दुकानदारो से पूछताछ करके लोगो की पसंद पहचानें, इससे आपको कपड़े की खरीदारी में मदद मिलेगी। 

3. लोगों के बजट को समझें -

आपकी दुकान किस क्षेत्र में है उसके अनुसार अपने स्टोर में रेडीमेड गारमेंट रखना पड़ेगा। निम्न -मध्यम वर्ग के बीच अपना माल बेचना चाहते हैं तो कपड़े खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखते हुए अधिक महंगे कपड़े लेना अवॉयड करें। जबकि उच्च मध्यम वर्ग के इलाके में अपने कस्टमर की पॉकेट को ध्यान में रखते हुए ब्रांडेड कपड़े रख सकते हैं और इन्हें  बेचना आसान होगा। 
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4. इन्वेस्टमेंट कितना होगा -

किराये की दुकान लेने पर दुकान मालिक को दिए गए डिपाजिट के अलावा फर्नीचर बनवाने में आपका पैसा खर्च होगा। इसमें कपड़े रखने के लिए रैक, काउंटर व ग्राहकों के बैठने लिए कुर्सियां आदि का प्रबंध करना होता है। इन चीज़ों का खर्च, दुकान की साइज के साथ वहां लगने वाले सामान जैसे प्लाई आदि की क्वालिटी पर निर्भर पर निर्भर करेगा। कपड़े खरीदी के लिए शुरुवात में 2 लाख रूपये का बजट रखकर काम स्टार्ट कर सकते हैं। 

 5. फैशन के बदलाव को ध्यान रखें -

कपड़ों की मांग फैशन आधारित होती है और फैशन समय समय पर बदलता रहता है। दीपावली पर्व के समय परम्परागत परिधान की मांग अधिक होती है। अपना स्टॉक भरने से पहले इसे ध्यान में रखना आवश्यक है। अगर कोई दुकानदार अधिक मात्रा में एक ख़ास फैशन वाले कपड़े का स्टॉक कर लेता है तो फैशन बदलने से पहले उसे बेचना आवश्यक होगा 

   अन्यथा आउट ऑफ़ फैशन कपड़े घाटे में ही बेचने पड़ेंगे।इसके लिए अपना एक टारगेट सेट करें कि यह कपड़ा एक निश्चित समय के अन्दर बेचना है इसके लिए जरूरत पड़ने पर डिस्काउंट भी दे सकते हैं, इससे फायदा यह होगा की आपका व्यापार जल्दी आगे बढेगा। 

 6. बेचने की कला में कुशल बनें -  

दुकान में आये ग्राहक को समझना, उनकी पसंद को पहचान लेना और उनके बजट के अनुसार उन पर सूट करने वाले कपड़े देना एक अच्छे दुकानदार की पहचान होती हैं। इसके साथ आपको अपने ग्राहक का स्वागत मुस्कुराहट के साथ करना चाहिए। अगर आपके दिखाए कपड़े उसे पसंद न आ रहें हो तो इर्रिटेट होने के बजाय उसकी पसंद के अनुसार और कपड़े दिखाएँ। 

   ग्राहक के प्रति आपका रवैय्या सहयोगात्मक होना चाहिए। अगर आप इसमें माहिर होते है, तो कस्टमर दोबारा आपकी दुकान में आना चाहेगा और आपका बिज़नेस तेजी से आगे बढ़ेगा। किसी भी दुकान की सफलता,  ग्राहक से किए गए व्यवहार पर निर्भर करती है। 

7. रेडीमेड कपड़े कहां से खरीदें - 

यदि आपको साड़ियां या सलवार खरीदना हो तो सूरत जाकर माल की खरीदी कर सकते हैं। शर्ट और जीन्स के लिए दिल्ली के चांदनी चौक जैसे होलसेल बाजार से माल मंगा सकते हैं। 

   बहुत सी जगहों में कपड़े तौल के हिसाब से बहुत सस्ते दामों में मिलते हैं। ऐसे कपड़ों में कम्पनी के रिजेक्टेड कपड़ों से लेकर विदेश से इम्पोर्ट किये गए पुराने पकड़े भी शामिल होते हैं। इसमें से अपनी दुकान के स्टैण्डर्ड के हिसाब से आपको माल छाँटकर लेना होगा जिसके लिए थोड़ी अधिक कीमत देनी पड़ती है। दिल्ली और मुंबई में कई इंपोर्टर रेडीमेड गारमेंट मंगाते हैं। आप चाहें तो इनसे खरीद सकते हैं या इनके जरिए इंपोर्ट भी कर सकते हैं।

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8. दुकान शुरू करने के लिए आवश्यक -

A. आपको GST नंबर लेने की जरूरत पड़ेगी। दूसरे राज्य से माल मंगाकर दुकान की शुरूआत करते हैं तो आपको जीएसटी नंबर चाहिए होगा। रेडीमेड गारमेंट ऑनलाइन बेचने के लिए भी जीएसटी नंबर चाहिए। कपड़ो पर 5 फीसदी से 12 फीसदी जीएसटी लगता है।


B. अगर किराए की दुकान लेकर काम कर रहे हैं तो रेन्ट एग्रीमेंट के आधार पर बैंक में करंट अकाउंट, दुकान के नाम से खुलवा लें। नगर निगम से दुकान चलाने का लाइसेंस भी लेना होगा। दुकान में चोरी और आगजनी जैसी दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए दुकान का बीमा अवश्य करवाएं। अनहोनी की दशा में इससे आपको राहत मिलेगी और बड़ी आर्थिक हानि से बच सकेंगे। 


C.  छोटे स्तर पर काम करने के लिए भी आपको 1 या 2 वर्कर रखना पड़ सकता है। ये वर्कर कपड़ा दिखाने और लपेटने में आपका सहयोग करेंगे। 

   दुकान में एक से अधिक ग्राहक एक साथ आने की दशा में ग्राहकों को मैनेज करने के लिए 1 या 2 स्टाफ तो लगेगा ही।इसके अलावा जब आपको किसी काम से बाहर जाना पड़ जाए तो आपका स्टाफ दुकान को संभाल सकता है। दुकान में कैमरे जरूर लगवाए जिससे बाहर रहकर भी आप दुकान की हर गतिविधि पर नज़र रख सकते हैं।

D.  दुकान में रेट पालिसी के बारे में ग्राहक को इस तरह समझाएं कि वह ज्यादा bargain न करे। किसी कपड़े का रेट अधिक बताकर बाद में बहुत कम रेट में देने से ग्राहक हर कपड़े को कम से कम रेट में मांगेंगे।

E.  जब कमाई अच्छी हो रही हो तो सेविंग ध्यान देना बहुत जरूरी होगा। आपकी सेविंग आड़े वक्त में बिज़नेस को मेन्टेन रखने में काम आएगी,   क्योकि हर बिज़नेस में मंदी का दौर आता है।  यदि आपके पास पर्याप्त पूंजी नही है तो बैंक से लोन लेकर भी आप इस बिज़नेस को कर सकते है।  

9. कितना कमा सकते हैं - 

इस व्यापार में भी कम्पीटीशन बहुत है। कपड़े की दुकान आपको शहर के हर कोने में मिल जायेगी। ऐसे में आपको अधिक मार्जिन लेने की सोच रखने की जगह शुरुआत में मार्जिन कम लेना चाहिए।

   ब्रांडेड कपड़ों के साथ कुछ सस्ते कपड़े भी रख सकते हैं। कुशल होने पर किसी एक कपड़े को कम मुनाफे में देकर दूसरे कपड़े से अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। वैसे इस बिज़नेस में लगभग 10% से 30%  तक की मार्जिन होती है। सेल बढ़ाकर, कम मार्जिन लेने पर भी अपना टारगेट अचीव कर सकते हैं इसलिए आपका लक्ष्य बिक्री बढ़ाना होना चाहिए। 

  आशा है ये आर्टिकल "Readymade garments business. कपड़ें का बिज़नेस " आपको पसंद आया होगा इसे अपने मित्रों तक शेयर करें। इसी तरह बिज़नेस की उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विजिट करते रहें। 

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