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Wednesday 10 November 2021

8 Habits For Healthy Life-अच्छे स्वास्थ्य के जरूरी 8 नियम

 8 Habits For Healthy Life-अच्छे स्वास्थ्य के जरूरी 8नियम  

 वैसे तो हम लंबे, सुखी, सफल और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं, परन्तु दुर्भाग्य से हम अक्सर अपने स्वास्थ्य के लिए लिए आवश्यक नियमों की अवहेलना करते हैं। इस प्रकार जीते हुए जब हम विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होते हैं तब शॉर्टकट अपनाते हुए दवाइयों के कुचक्र में फंसते हैं, जिनसे हम बच सकते थे। अच्छा स्वास्थ्य कोई आकस्मिक घटना नहीं है, यह स्वास्थ्यपूर्ण आदतों को लगातार अपने जीवन में अपनाने का परिणाम है।


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   स्वस्थ आदतें विकसित करने से यह सुनिश्चित होगा कि आप न केवल लंबे समय तक जीवित रहें, बल्कि अच्छी तरह से जिएं। लम्बे दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए युवावस्था से शुरुआत करें। अच्छी वृद्धावस्था तभी होगी जब आप एक अच्छे स्वास्थ्य से पूर्ण सक्रिय, ऊर्जावान युवा होंगे। उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए कुछ सरल विकल्पों को अपनाकर सुधार की शुरुआत करें।


   बहुत से लोग तनावपूर्ण, दुखी जीवन जीते हैं, उन्हें जरूरत है बस थोड़ा सा बदलाव करते हुए ऐसी आदतें विकसित करने की, जो उन्हें स्वस्थ और अधिक उत्पादक जीवन जीने में मदद करेंगी। वैसे तो एक स्वस्थ जीवन शैली जीने के लिए अनेक सुझाव बताये गए हैं, लेकिन हमने सबसे प्रचलित आठ   आदतों या नियमों को इंगित किया है, जिन्हें किसी को भी अपने दैनिक जीवन में शामिल करने में सक्षम होना चाहिए। 


लम्बे स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी आदतें  (Habits For Long Healthy Life)


1. अपनी पसंद का व्यायाम (Exercise) करें -


 व्यायाम, स्वस्थ रहने की आदतों में सबसे प्रमुख है। रिसर्च के अनुसार नियमित व्यायाम, वजन को नियंत्रित करने के साथ हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों को ठीक रखने में मदद करता है और उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को कम करता है। इसके विपरीत शारीरिक गतिविधि की कमी अनेक बीमारियों का कारण बनती है।


   स्वस्थ रहने के लिए आपको फिटनेस के दीवाने या सुपरस्टार एथलीट होने की जरूरत नहीं है। इसे सिंपल तरीके से मौजमस्ती के साथ कर सकते हैं।30 मिनट की तेज सैर(Morning Walk) बहुत आसान है पर यह आपके स्वास्थ्य के लिए अद्भुत काम कर सकती है और आपके जीवन अवधि को बढ़ा सकती है।


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   हड्डियों और मांसपेशियों को ठीक रखने और उसका घनत्व बनाए रखने के लिए  चलना महत्वपूर्ण है। जब हम चलना बंद कर देते हैं तो इनमें कठोरता आने लगती है - जिसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।  इसे अपने बिल्डिंग की सीढ़ियाँ चढ़कर या अपने घर पर एक छोटा पेडलिंग उपकरण रखकर पूरा  किया जा सकता है। 


   मुख्य बात यह है कि आप जिस व्यायाम का आनंद लेते हैं, उसे अपनाएँ न कि ऐसा कुछ जो आपको एक कठिन कार्य जैसा लगे। अगर जिम जाना आपको जटिल लगता है, तो वहां जाना जरूरी नहीं है, न ही अपने आपको फिट रखने के लिए खेल के मैदान में नियमित जाने की जरूरत है। आप बस उन गतिविधियों की तलाश करें जिससे आपके शरीर की अलग-अलग दिशाओं में तेज और धीमी गति होती रहे


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     कुछ लोगों के लिए इसका मतलब फुटबाल, वॉलीबॉल मैच, टेनिस या बैडमिंटन का खेल हो सकता है; दूसरों को गार्डन में मॉर्निंग या इवनिंग वाक, तैरना, या अपने घर पर हल्की फुलकी एक्सरसाइज अथवा बच्चों के साथ खेलना हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जिन गतिविधियों का आनंद लेते हैं उन्हें तलाशें ताकि आपके उसमें भाग लेने की संभावना अधिक हो।


   इसमें आपको कठिन परिश्रम नहीं करना पड़ता है, इसमें दिलचस्पी बनाए रखें और अपनी दिनचर्या में शामिल करें। स्वस्थ रहने के लिए, शरीर में ताकत और संतुलन बनाए रखने और बुढ़ापे में कमजोर पड़ने के जोखिम को रोकने के लिए शारीरिक सक्रियता बनाये रखें।


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   यदि आप एक ऐसी गतिहीन नौकरी करते हैं, जिसमें पूरे दिन एक डेस्क पर बैठना होता है, तो ऑफिस में लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का चुनाव आने जाने के लिए करें। दोपहर के भोजन के समय ब्लॉक के चारों ओर तेज टहलें - बस जितना सम्भव हो हर दिन पैदल चलना सुनिश्चित करें


2. अच्छा भोजन (Healthy Food) -


आप क्या खाते हैं और कैसे खाते हैं, इसका आपके स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। अपने शरीर को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों से पोषण देकर बीमारी की रोकथाम करने और समग्र स्वास्थ्य को अच्छा करने में बड़ी मदद मिल सकती है। रिफाइंड चीनी कम खाएं। स्वस्थ खाने की रणनीति बनाएं और अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखें।


   एक स्वस्थ जीवन शैली और बीमारी की रोकथाम के लिए आप कुछ प्रभावशाली छोटे कदम उठा सकते हैं जिनमें आपके आहार और खाने के पैटर्न में बदलाव शामिल हैं। विषेशज्ञों के  अनुसार इष्टतम पोषण आर्गेनिक खाद्य, स्थानीय मौसमी उपज और विविधता से शुरू होता है। हमें अलग-अलग खाद्य पदार्थों से भिन्न पोषक तत्व मिलते हैं, इसलिए हम हर दिन एक ही चीज़ नहीं खाना चाहते हैं।


    आहार विषेशज्ञ, पोषण की मूल बातों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुशंसा करते है कि आपके भोजन में सब्जियों की प्रधानता होनी चाहिए। सब्जियों के अलावा वसा, उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन और किण्वित खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन किसी मौसमी फल का सेवन करें साथ ही चीनी, चाय कैफीन और अल्कोहल का उपयोग कम मात्रा में करें।


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   विषेशज्ञ जोर देकर कहते हैं कि सिर्फ भोजन महत्वपूर्ण नहीं है जो हम खाते हैं, बल्कि हम उसे कैसे पकाते और खाते हैं यह भी उतना ही महत्व रखता है। देर तक तलने से खाद्य पदार्थ की पोषकता  कम हो जाती है उसी प्रकार पका हुआ भोजन देर तक रखा रहने पर उसकी गुणवत्ता कम होती है।

 

  वास्तव में अपने भोजन का आनंद लेने के लिए समय निकालना महत्वपूर्ण है। बैठकर शांति से भोजन के पत्येक कौर को ठीक से चबाया जाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पाचन व्यवस्था को कुशलता से चलाने में मदद करता है। पोषण विशेषज्ञ, भोजन को सुपाच्य रूप में लाने के लिए प्रत्येक कौर को 20-30 बार चबाने की सलाह देते हैं।


   साबुत अनाज अधिक खाएं, इसमें अधिक मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र की सफाई को सरल करता है। फाइबर आपको लंबे समय तक तृप्त महसूस कराता है, जो आपको अधिक खाने से बचाता है। फाइबर और प्रोटीन से भरपूर चीजें खाने से आप संतुष्ट और ऊर्जावान महसूस करते हैं।


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    आप अपने भोजन में दूध और दही को शामिल कर सकते हैं। प्रयास करें कि हैल्दी फ़ूड ही आपके खाने में शामिल हो। शक्कर युक्त पेय और स्नैक्स से परहेज करने को अपनी आदत बनाएंशोधकर्ताओं द्वारा 10 साल की अवधि में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि कृत्रिम मिठास मोटापे,  मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हो सकती है।


3. पानी का उचित प्रयोग -


पानी का उचित मात्रा में सेवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे शरीर में प्रत्येक कोशिका, ऊतक और अंग को पानी की आवश्यकता होती है। सामान्य रूप से हमें प्रतिदिन आठ गिलास पानी की आवश्यकता होती है, जोकि मौसम के हिसाब से कम या अधिक हो सकती है।


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   साधारण ताप वाला पानी ही शरीर के लिए अच्छा होता है, गर्मी के दिनों में ठंडे पानी की आवश्यकता होने पर मटके का पानी पी सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार सुबह उठते ही सबसे पहले जल का सेवन करना चाहिए यह पेट को स्वस्थ रखने में उपयोगी होता है। उसी प्रकार दोपहर के भोजन के 1 घंटे पश्चात पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी का एक -एक घूँट धीरे धीरे करके पीने को सर्वोत्तम बताया गया है। 


4. पर्याप्त नींद लेना -


अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है। नींद का प्रत्येक चरण हमारे शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को अलग-अलग लाभ प्रदान करता है। नींद के दौरान कोशिकाओं और ऊतकों की मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य चलता रहता है। औसत व्यक्ति को प्रतिदिन छह से आठ घंटे की नींद लेने की आवश्यकता होती है और इसका अभाव गंभीर स्वास्थ्य परिणाम देता है।


   नींद की कमी को मोटापे, हार्मोन असंतुलन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की घटनाओं से जोड़ा गया है। इसके अलावा नींद की कमी उनींदापन, थकान और भूलने की बीमारी के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली पर दुष्प्रभाव डालती है, जिससे संक्रमण से लड़ना कठिन हो जाता है। लगातार नींद की कमी के परिणामस्वरूप व्यवहार में अनिश्चितता और चिड़चिड़ापन आ सकता है।


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      एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि नींद की लगातार कमी विनाशकारी अल्जाइमर और अन्य मस्तिष्क विकारों में योगदान दे सकती है। इस संभावित खतरे से बचने के लिए 6 से 8 घंटे की ठीक नींद लेने की आदत विकसित करें।  नींद समय की बर्बादी नहीं है, यह हमारे भावनात्मक और शारीरिक कल्याण के लिए आवश्यक है। 


  जीवनशैली की कुछ सामान्य आदतें आपकी नींद को प्रभावित कर रही हैं। यदि नींद न आने की समस्या हो रही है, तो सोने के समय अपने आपको टीवी, लैपटॉप, सेलफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मुक्त रखें। कुछ शोध इंगित करते हैं कि इन उपकरणों की चमक, शरीर की नींद की लय को बाधित कर सकती है।


  सोने से पहले शराब, कैफीन, निकोटीन, व्यायाम और गरिष्ठ भोजन सहित नींद में बाधा डालने वाली किसी भी चीज़ से बचें। अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद को प्राथमिकता दें, इसके लिए एक स्लीप शेड्यूल बनाएं और उसका पालन करें। एक सुखदायक वातावरण निर्मित करें जो आपको शांत करने और सोने के लिए तैयार करने में मदद करता हो।  इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मुक्त एक शांत, अंधेरा, ठंडा कमरा इसमें सहायक हो सकता है।


    किताबें पढ़ना ज्ञान प्राप्त करने और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का एक शानदार तरीका है। इसके अलावा सोने से पहले पढ़ने की आदत से अच्छी नींद लेने में मदद मिल सकती है। पुस्तकें आपकी सोच को व्यापक बनाने, नए विचारों को विकसित करने और प्रेरणा प्राप्त करने के लिए एक उत्कृष्ट उपकरण हैं। इसके अतिरिक्त, किताबों से जीवन की चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने योग्य सलाह भी मिलती है।


5. तनाव (Stress ) मैनेजमेंट करें -


आज के आपा-धापी से भरे जीवन का, तनाव एक अपरिहार्य हिस्सा बन चुका है। वास्तव में थोड़े अल्पकालिक तनाव को हमारे संज्ञानात्मक कौशल को तेज करने और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने से जोड़ा जा सकता है। परन्तु दीर्घकालिक तनाव या डिप्रेशन हमारे स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है, इससे हमारी नींद, प्रतिरक्षा प्रणाली और भावनात्मक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।


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   तनावपूर्ण स्थितयों से पूरी तरह निजात पाना सम्भव नहीं है, लेकिन हम अपनी तनाव भरी दुनिया को मैनेज करना सीख सकते हैं, जिससे हम तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें।  हम सभी के पास  तनाव के अनुकूल होने की क्षमता होती है। ऐसी गतिविधि करें जो आनंददायक हों और आपको तनावमुक्त बनाए रखने में मदद करें। 


   यदि आप तनाव का अनुभव कर रहे हैं, तो आप ध्यान, प्रार्थना, योग, या गहरी साँस लेने जैसी  गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं। यदि आप तेज़ शारीरिक गतिविधि जैसे तेज़गति से चलना, दौड़ना या नृत्य का सहारा लेते हैं, तो शरीर थकने के साथ मन भी शांत हो जाएगा और यह तनाव मुक्त करने में मदद करेगा।


 6. दिमाग को बोझिलता बचाए रखें -


स्वस्थ रहने के लिए तन और मन दोनों को बोझिल होने से बचाना आवश्यक है, इन्हें चुस्त रखने के लिए चुनौतियों का सामना करने की आदत डालें। नए स्थानों की सैर करना, गार्डेनिंग हो या संगीत सीखना आपको मानसिक रूप से भी तेज़ बनाये रखता है।  

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   दिन-ब-दिन एक ही तरह का काम करने से शरीर और मन दोनों थकने लगते हैं इसलिए उम्र के किसी भी पड़ाव में कुछ नया सीखने के बारे में शर्मिंदा महसूस न करें। याद रखें कि हर विशेषज्ञ कभी नौसिखिया भी था।


   कोई नई भाषा सीखने के बारे में सोच सकते हैं। इसके लिए बहुत से ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं और आपकी सहायता के लिए डुओलिंगो जैसे बहुत सारे मुफ्त ऑनलाइन भाषा ऐप हैं। उसी तरह आप चाहें तो चित्रकला के जरिये अपने भीतर के चित्रकार को खोज सकते हैं। 


   कभी संगीत वाद्ययंत्र बजाने का मौका नहीं मिला हो तब भी कुछ निर्देशात्मक वीडियो के जरिये इसकी शुरुवात करें। एक दिन में 30 मिनट या उससे अधिक के अभ्यास से आप वाद्ययंत्र को बजाना सीखकर अपने दोस्तों को विस्मित कर देंगे। 


   खुश रहने के लिए किसी रचनात्मक कार्य को करना और सामाजिक रहना भी महत्वपूर्ण है। यदि आप उम्र के साथ जीवंत और तेज रहना चाहते हैं, तो सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहें। कई अध्ययनों ने संकेत दिया है कि लगातार सामाजिक गतिविधि उम्र बढ़ने से होने वाली गिरावट को रोकने या देरी करने में मदद कर सकती है। 


7.  सराहना करें -


हम सराहना कर सकते हैं या शिकायत कर सकते हैं। शिकायती स्वभाव वाले को प्रतिक्रिया में अक्सर नफरत और तनाव ही मिलता है। जबकि सराहना करने का अभ्यास सकारात्मकता पैदा करने, तनाव कम करने और अपने शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने का एक शानदार तरीका है।


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   पॉजिटिव सोच आपको खुश रखती है, जबकि नकारात्मकता का स्वभाव दुःख और उदासी है। किसी लेखक ने कहा था - "हम शिकायत कर सकते हैं क्योंकि गुलाब की झाड़ियों में कांटे होते हैं या इस बात से आनन्दित हो सकते हैं कि इतने कांटों के बीच भी गुलाब खिलते हैं।"

 

   जितना अधिक आप जीवन की छोटी खुशियों की सराहना करेंगे, आप उतने ही खुश रहेंगे। अपने आप में इस आदत विकसित करने का प्रयास करें।  अपने प्रियजनों की सराहना करने के लिए समय निकालें और बिस्तर पर जाने से पहले परमात्मा का आभार प्रकट करें कि इस दुनियां में आप मौजूद हैं।

 

    आपको अपने आशीर्वाद गिननें चाहिए। अपने आशीर्वादों को गिनना सकारात्मक मानसिकता में बदलने और अपने गिलास को आधा खाली के बजाय आधा भरा हुआ देखने का एक तरीका है। हम सभी ने ऐसे क्षणों का अनुभव किया है जब हम कृतज्ञता से अभिभूत हो गए हैं। यह एक शक्तिशाली भावना है जो हमें ऊपर उठाती है। यह सराहना की गहरी भावना है। कृतज्ञता महसूस करना गर्मजोशी, हर्षित और धन्य महसूस करना है।


  कृतज्ञता एक आदत बन सकती है।  कुछ शोध इंगित करते हैं कि जो लोग अहोभाव रखते हैं वे स्वस्थ, खुश, कम तनावग्रस्त और अपने जीवन से अधिक संतुष्ट हैं। उनके पास अधिक सकारात्मक मुकाबला करने की शक्ति, बेहतर नींद और अच्छा स्वास्थ्य है।


8. खुश रहें -


अच्छे स्वास्थ्य के लिए खुश रहना परम आवश्यक है। अपने दैनिक जीवन में हंसी को स्थान दें।   ​​अनुसंधान से सिद्ध हो चुका है कि हंसने से तनाव को कम करके प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में मदद मिलती है। हंसी एंडोर्फिन (स्वास्थ्य बढ़ाने वाले, फील-गुड हार्मोन) की रिहाई को ट्रिगर करती है।  


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   शोधकर्ताओं ने पाया है कि हंसी उच्च रक्तचाप को कम कर सकती है, तनाव हार्मोन को कम कर सकती है और प्रतिरक्षा को बढ़ा सकती है। हंसी, एंटीबॉडी-उत्पादक कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाती है और टी-कोशिकाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाती है। हँसी संक्रामक और शक्तिशाली औषधि है। अपनी दुनिया में हँसी को स्थान देकर अपने मूड में बदलाव करें और अपने स्वास्थ्य को सुधरते हुए देखें।


  वैसे तो अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी आदतों की सूची अंतहीन है। परन्तु उपरोक्त सुझावों का पालन भी आपको एक हैल्दी लाइफ की ओर ले जाएगा। अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वयं के प्रति जागरूक रहकर देखने की आवश्यकता है कि कौनसी आदतें आपके लिए काम करती हैं, उन्हें अपनाएँ और उनसे चिपके रहें।


  आशा है ये आर्टिकल "8 Habits For Healthy Life-अच्छे स्वास्थ्य के जरूरी 8 नियम "आपको पसंद आया होगा, इसे अपने मित्रों को शेयर कर सकते हैं। अपने सवाल एवं सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें। ऐसी ही और भी उपयोगी जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर विज़िट करते रहें। 


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